UP PCS-J परीक्षा में गड़बड़ी आई सामने, कॉपी बदलने के मामले में तीन निलंबित

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UGC NET, नीट पेपर लीक मामले को लेकर सड़क से संसद तक बवाल मचा हुआ है, इसी बीच UP PCS-J परीक्षा में धाधली का मामला उजागर हुआ है। दरअसल, पीसीएस जे 2022 के अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अपनी अंग्रेजी व हिंदी की उत्तर पुस्तिका में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आयोग तब किए। उसके बाद आयोग ने माना कि  UP PCS-J की मुख्य परीक्षा में गड़बड़ी हुई है। इसे दूर किए जाने की आवश्यकता है। कॉपी बदलने के मामले में अनुभाग अधिकारी, समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी को आयोग ने निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही पर्यवेक्षणीय अधिकारी उप सचिव सतीश चंद्र मिश्र के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का निर्णय लिया गया है। सेवानिवृत्त सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) चंद्रकला के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है।

नए सिरे से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करे आयोग
हालांकि कोर्ट ने आयोग की ओर से हलफनामे में दी गई जानकारी को पर्याप्त नहीं मानते हुए लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को कुछ बिंदुओं पर नए सिरे से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। श्रवण पांडेय की याचिका पर न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।

लगभग 50 उत्तर पुस्तिकाओं में गड़बड़ी मिली
अभ्यर्थी के अधिवक्ता विभु राय के मुताबिक लोक सेवा आयोग की ओर से सोमवार को डिप्टी सेक्रेटरी ने हलफनामा दाखिल किया। हलफनामे में आयोग ने स्वीकार किया है कि जांच में लगभग 50 उत्तर पुस्तिकाओं में गड़बड़ी मिली है। जो एक दूसरे में मिक्स हो गई है। आयोग इसे दूर करने का प्रयास कर रहा है। इस कमी को दूर करने के लिए रिजल्ट नए सिरे से भी जारी किया जा सकता है। कोर्ट ने जानना चाहा कि परिणाम फिर से घोषित करने पर कितने अभ्यर्थी चयन सूची से बाहर होंगे तथा कितने नए लोगों को स्थान मिलेगा। जो लोग नियुक्त होकर काम कर रहे हैं उनके सम्बन्ध में क्या निर्णय लिया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि आयोग द्वारा दाखिल हलफनामे में पूरी जानकारी नहीं दी गई है इसलिए अध्यक्ष नए सिरे से हलफनामा दाखिल कर सभी जानकारियां उपलब्ध कराएं।

गौरतलब है कि पीसीएस जे 2022 के अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अंग्रेजी व हिंदी की उत्तर पुस्तिका में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। आयोग की ओर से अभ्यर्थी को आरटीआई में उपलब्ध कराई गई जानकारी से पता चला कि उसकी उत्तर पुस्तिका के कुछ पन्ने फटे हुए थे। इसके बाद आयोग ने सभी 18042 उत्तर पुस्तिकाओं की नए सिरे से जांच करने का निर्णय लिया। हाईकोर्ट ने आयोग के इस निर्णय पर भी सवाल उठाया तो आयोग का कहना था कि जांच में कई उत्तर पुस्तिकाओं में इसी प्रकार की गड़बड़ी सामने आई है। वह हर प्रकार की गड़बड़ी को दूर करना चाहते हैं। मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।

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