जयपुर. विधानसभा में रविवार काे विधायकाें काे विधायी गुर सिखाए गए। सीख देने वाले थे- लाेकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और पूर्व प्रधानमंत्री मनमाेहन सिंह। काेटा-बूंदी से दूसरी बार सांसद बने बिड़ला लाेकसभा स्पीकर बनने के बाद पहली बार प्रदेश में पहुंचे।
इससे पहले वे राजस्थान विधानसभा के तीन बार सदस्य भी रह चुके हैं। विधायकाें काे संसदीय परंपराओं की जानकारी देने के लिए राजस्थान विधानसभा में प्रबोधन का कार्यक्रम रखा गया था। इस कार्यक्रम का सुबह लोकसभा अध्यक्ष बिड़ला ने उद्घाटन किया ताे समापन शाम काे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किया।
उद्घाटन समाराेह के दाैरान एक पल एेसा अाया जब सभी सदस्याें की हंसी के ठहाके गूंज गए। बिड़ला का स्वागत करते समय संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने चुटीले अंदाज में कहा-मैं आपको बचपन से जानता हूं। हमारे सदस्यों में जिज्ञासाएं हैं। हर सदस्य यह जानता चाहता है कि आपने अध्यक्ष बनने के लिए ऐसी क्या प्रक्रिया अपनाई जो अच्छे-अच्छों को जमीन चटा दी। धारीवाल के इतना कहने पर बिड़ला सहित सदन में बैठे सभी लोग हंस पड़े।
धारीवाल बोले कि मैं व्यक्तिगत तौर पर भी अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि आप इतने ऊंचे पद पर पहुंचे। बाद में बिड़ला ने अपने उद्बाेधन में विधायकों को वेल में नहीं आने सहित अन्य नसीहतें दी। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष सहित विधायकों काे सुझाव भी दिया कि सदन को पेपर लैस बनाने की दिशा में काम किया जाना चाहिए।