प्रयागराज. रामपुर से सपा सांसद आजम खान के निर्वाचन को रद्द करने की मांग को लेकर भाजपा नेत्री व पूर्व सांसद जयाप्रदा ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। जयाप्रदा के साथ वकील के रूप में राज्यसभा सांसद अमर सिंह भी कोर्ट पहुंचे थे। याचिका में ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और करप्ट प्रैक्टिस के आधार पर आजम खान के निर्वाचन को रद्द करने की मांग की गई है।
जयाप्रदा ने चुनाव आयोग की कार्रवाई को सुबुत के तौर पर पेश किया
- याचिका में यह भी कहा गया है कि सांसद आजम खान जौहर यूनिवर्सिटी के आजीवन कुलपति हैं। 2 अप्रैल को आजम खान ने जब लोकसभा चुनाव का नामांकन किया था, तब वह जौहर यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति थे। ऐसे में जया प्रदा का कहना है कि आजम खान द्वारा लाभ के पद पर रहने के कारण भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102(1)ए, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के सेक्शन 9(ए) और संविधान के अनुछेद 191 (ए) का उल्लंघन किया गया है। इसके अलावा याचिका में आजम खान द्वारा जया प्रदा के खिलाफ अश्लील टिप्पणी करने और चुनाव आयोग द्वारा की गई कार्रवाई का भी सबूत पेश किया गया।
- इस दौरान सांसद अमर सिंह ने सपा मुखिया अखिलेश यादव की तुलना कालीदास से करते हुए कहा कि अखिलेश जिस पेड़ पर बैठे उसी शाखाएं काटीं। पिता (मुलायम सिंह यादव), चाचा शिवपाल यादव और मुझे पार्टी से निकाला। इसी वजह से विधानसभा और लोकसभा चुनावों में पार्टी बुरी तरह से हार गई। कहा है कि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और करप्ट प्रैक्टिस के साथ नारी सम्मान की लड़ाई के लिए वे हर उस दरवाजे को खटखटाएंगे, जहां उन्हें न्याय की रोशनी दिखेगी। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता जया प्रदा ने राज्य निर्वाचन आयुक्त, राज्य निर्वाचन आयोग और मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखा था।