JDU को पर्यावरण नहीं, प्रदूषण पसंद

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राजधानी पटना में इतने फ्लैक्स पहले शायद ही दिखे होंगे। JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के आगमन पर बैनर-फ्लैक्स का जो नजारा दिखा था, इस बार केन्द्रीय मंत्री के स्वागत में RCP सिंह के लिए लगाए गए बैनर फ्लैक्स उससे कहीं से कम नहीं हैं। ललन सिंह और RCP सिंह, नीतीश कुमार की पार्टी के शीर्षस्थ नेताओं में से हैं। यह वही पार्टी है जिसने पर्यावरण का ख्याल रखने के लिए यह सुनिश्चित किया था कि कोई भी नया सदस्य पार्टी में तभी शामिल होगा जब एक पौधा लगाकर आए। पौधा रोपते हुए फोटो लाना जरूरी था। नीतीश कुमार ने खुद भी पर्यावरण पर काफी फोकस किया, पौधरोपण पर जोर दिया। जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण पर कई योजनाएं चलायी जा रही हैं।

18 जून 2021 को गजट में प्रकाशित भी किया गया

बिहार में पॉलीथिन पर बैन है। यह मीडिया में खबर प्रकाशित होने पर पटना हाईकोर्ट के दिए आदेश के बाद से लागू है। कैबिनेट ने पोलीथिन बैन की स्वीकृति दी थी। अब बिहार सरकार ने राज्य में एकल उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पाद जैसे कि थर्मोकोल से बने प्लेट, कप ग्लास, कांटा, चम्मच, कटोरी, प्लास्टिक परत वाले प्लेट, कप के साथ ही प्लास्टिक के झंडे, फ्लैक्स आदि पर प्रतिबंध लगा दिया है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु विभाग के संयुक्त सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने इससे जुड़ी आम सूचना भी प्रचारित करवायी।

18 जून 2021 को इसे बिहार सरकार के राजपत्र यानी गजट में भी प्रकाशित किया गया। सरकार की ओर से यह कहा गया है कि बिहार गजट प्रकाशन की तिथि के 180 दिनों के भीतर सुनिश्चित किया जाए कि यह लागू हो। यानी 14 दिसंबर 2021 की मध्यरात्रि से प्लास्टिक के झंडे, बैनर, फ्लैक्स आदि पर फाइन भी होगा। इसका विनिर्माण, आयात, भंडारण, परिवहन, वितरण, विक्रय और उपयोग दंडनीय अपराध होगा।

जवाबदेही के उलट सब कुछ

यह ठीक है कि 14 दिसंबर 2021 की मध्य रात्रि से फाइन लगेगा, लेकिन सत्ता की पार्टी को इस बात की तनिक परवाह नहीं कि प्लास्टिक से तैयार फ्लैक्स पर्यावरण को कितना नुकसान करेंगे। न ललन सिंह के समर्थकों को इसकी परवाह रही और न ही RCP सिंह के समर्थकों को! राजनीति के शक्ति प्रदर्शन ने सब कुछ भुला दिया। आम लोगों को जिस सरकारी अधिसूचना पर जागरुक करने की जवाबदेही सत्ता की पार्टी पर होनी चाहिए वही पार्टी उसके उलट काम कर रही है।

विशेषज्ञ कहते हैं इन्हें नष्ट होने में 400 साल का समय लगेगा

बिहार प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन डॉ. अशोक घोष ने कहा कि फ्लैक्स पर्यावरण के लिए काफी नुकसानदेह हैं। इसे जलाने पर टॉक्सिक गैसे निकलती हैं। वे कहते हैं कि इन्हें नष्ट करने में 400 साल का समय लगता है। इसने नष्ट करने पर हाइटेंपरेचर पर जलाया भी जाए तो उससे काफी प्रदूषण फैलेगा। इसलिए सरकार ने बैन की लिस्ट में इसे भी रखा है। लोगों को इसको लेकर जागरुक होना चाहिए।

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