छिंदवाड़ा. कमलनाथ ने छुट्टी के दिन यानि रविवार को छिंदवाड़ा में स्कूल चलो अभियान की शुरूआत की। इस मौके पर कमलनाथ ने कहा कि छोटे-छोटे बच्चे जो स्कूल जाने से वंचित रह जाते हैं। उनकी जिम्मेदारी माता-पिता की होनी चाहिए।
कमलनाथ ने कहा कि छिंदवाड़ा की यात्रा 40 साल पहले शुरू हुई थी। आज के बच्चों ने वो छिंदवाड़ा नहीं देखा, जब यहां पर सीमित स्कूल होते थे। बच्चों अपने नाना-नानी, दादा-दादी से पूछना कि यहां कितने स्कूल थे, क्या संसाधन थे। फिर कैसे हमने यहां पर स्कूल, कॉलेज बनाए और अब यूनिवर्सिटी बनाने जा रहे हैं। और अब आप कह सकते हो कि हमारे छिंदवाड़ा में सब कुछ है। हमें यहां से कहीं जाने की जरूरत नहीं है।
बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी :
आज जो बच्चे 10-15 साल के हैं। उनका भविष्य कैसे सुरक्षित रहे। यही हमारा लक्ष्य है। प्रदेश के दूसरे जिलों में कैसा विकास है और छिंदवाड़ा में किस तरह से विकास हुआ है। छिंदवाड़ा और अन्य के बीच सबसे बड़ा अंतर सोच का है। छिंदवाड़ा अलग सोचता है। मैं चाहता हूं कि छिंदवाड़ा का एक नया नक्शा बनाया जाए। जिससे किसान, मजदूर और व्यापारी किसी को छिंदवाड़ा के बाहर नहीं जाना चाहिए।
छिंदवाड़ा में बनेगी यूनविर्सिटी :
मुख्यमंत्री बनने के बाद हमने छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी बनाई है। इससे हमारी उच्च शिक्षा के स्तर में सुधार होगा। आने वाले सालों में बाकी यूनिवर्सिटी का क्या होगा, पता नहीं। लेकिन छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी हम अगले 50 साल के नजरिए से बना रहे हैं। उन्होंने कहा, बच्चों पढ़ाई तो ज्यादा दिन नहीं चलती है, लेकिन ज्ञान हम जीवन की आखिरी सांस तक हासिल करते हैं। ज्ञान प्राप्त करने की प्रक्रिया जीवन भर चलती है।