केरल सरकार ने जब्त की PFI के सदस्यों की संपत्ति

0
88

केरल सरकार ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर राज्य में क्षति की भरपाई के लिए प्रतिबंधित कट्टरवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) के सदस्यों की संपत्ति जब्त कर ली है। इसको लेकर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) ने गिरफ्तार हुए पीएफआई कार्यकर्ताओं के समर्थन में अपनी आवाज उठाई है। कोच्चि में एक जनसभा को संबोधित करते हुए एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैसी ने गुरुवार को कहा कि इस राजस्व वसूली प्रक्रिया के कारण कोई भी बेघर नहीं होगा।

केरल सरकार ने 23 जनवरी को उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि उसने वसूली की कार्रवाई के तहत 248 पीएफआई कार्यकर्ताओं की संपत्तियों को कुर्क किया है। एसडीपीआई ने गिरफ्तार हुए पीएफआई कार्यकर्ताओं के समर्थन में अपनी आवाज उठाई है।

सरकार पर अघोषित आपातकाल लगाने का आरोप

फैसी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जो लोग संपत्तियों की जब्ती पर खुशियां मना रहे हैं, उनसे कहना चाहूंगा कि जब तक एसडीपीआई कार्यकर्ता जीवित हैं, कोई भी बेघर नहीं होगा। इससे पहले, एसडीपीआई ने प्रतिबंध की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि ये देश में भाजपा सरकार द्वारा लगाए गए अघोषित आपातकाल का हिस्सा है। फैसी ने ये भी कहा था कि पीएफआई और संबद्ध संगठनों पर ये प्रतिबंध भारतीय लोकतंत्र व देश के लोगों को संविधान के तहत मिले अधिकारों के खिलाफ एक चुनौती है।

पीएफआई कार्यकर्ताओं की संपत्तियों को किया गया कुर्क

केरल सरकार ने 23 जनवरी को उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि उसने वसूली की कार्रवाई के तहत 248 पीएफआई कार्यकर्ताओं की संपत्तियों को कुर्क किया है। देश भर में आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता और विदेशी आतंकी संगठनों के लिए काम करने को लेकर सरकार ने पीएफआई सदस्यों पर कार्रवाई की है। कई लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस कार्रवाई को लेकर पिछले साल सितंबर में पीएफआई ने केरल की सड़कों पर जमकर हंगामा किया था। जिसमें सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया गया था। इस पर, हाईकोर्ट ने वसूली के लिए गिरफ्तार किए गए पीएफआई सदस्यों की संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here