जिस देश को अपने राष्ट्रपिता के स्वाभिमान की फिक्र नहीं है, उस देश का भविष्य क्या होगा? यहां पर अगर आप राष्ट्रीय पशु-पक्षी को नुकसान पहुंचाते हैं तो आप कानून का उल्लंघन करते हैं। लेकिन अगर राष्ट्रपिता का अपमान करते हैं, उनकी छवि को नुकसान पहुंचाते हैं तो कोई रोकने वाला नहीं है। आखिर राष्ट्रपिता के लिए कोई कानून क्यों नहीं है? यह सवाल देश के पीवी राजगोपाल ने उठाया है। पीवी राजगोपाल देश के वरिष्ठ गांधीवादी चिंतक-विचारक, गांधी पीस फाउंडेशन के पूर्व उपाध्यक्ष और गरीब-आदिवासी को जमीन के अधिकार के लिए लड़ रही एकता परिषद के अध्यक्ष हैं। पीवी राजगोपाल का कहना है कि देश में गांधी की कमियां बताने के लिए दुनियाभर की वॉट्सएप यूनिवर्सिटी खुल गई हैं, लेकिन यह बताने वाला कोई नहीं है कि आखिर गांधी के मूल्यों और सिद्धांतों से सीखा क्या जा सकता है।
