लोकसभा : शाह ने कहा- धर्म के आधार पर भारत का विभाजन नेहरू की ऐतिहासिक भूल थी

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नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर की मौजूदा समस्याओं के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराया। शाह ने लोकसभा में घाटी पर जारी चर्चा के जवाब में कहा कि धर्म के नाम देश का बंटवारा करना नेहरू की ऐतिहासिक भूल थी।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा, ”सीजफायर को वापस कौन लाया? इसके लिए नेहरू जिम्मेदार हैं। उनकी गलती से आज कश्मीर का एक तिहाई हिस्सा (पीओके) पाकिस्तान के कब्जे में है।”

सरदार पटेल को विश्वास में लिया होता तो पूरा कश्मीर हमारा होता- शाह

शाह ने कहा, ”आप कहते हैं कि हम लोगों को विश्वास में लिए बिना फैसले लेते हैं। लेकिन तब नेहरूजी ने कश्मीर पर फैसला लेने से पहले गृह मंत्री को विश्वास में नहीं लिया था। अगर तत्कालीन गृह मंत्री को विश्वास में लिया होता तो पूरा कश्मीर हमारा होता। सरदार पटेल ने हैदराबाद और जूनागढ़ समेत लगभग सभी राज्यों को देश में मिलाने की जिम्मेदारी ली थी, आज दोनों राज्य भारत का हिस्सा हैं।”

उन्होंने कहा, ”सिर्फ जम्मू-कश्मीर में धारा 370 है, इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री ने लागू किया। नेहरू की गलतियों को अभी भी देश झेल रहा है। बंटवारे के वक्त हजारों लोग मारे गए। आतंकवाद पूरे देश में फैल गया।”

‘एक वक्त तक कश्मीर में भारत का निशान तक नहीं था’

शाह ने कहा, ”एक वक्त था, जब जम्मू-कश्मीर में भारत का निशान नहीं था। भारतीय स्टेट बैंक के बोर्ड में भारत शब्द कपड़े से ढका रहता था। मुरली मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी ने अपनी जान को खतरे में डालकर श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। उस वक्त हमारी सरकार नहीं थी।”

उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि देश में डर का माहौल है। जो लोग देश के खिलाफ हैं, उनके दिलों में डर होना चाहिए। हम टुकड़े-टुकड़े गैंग का हिस्सा नहीं हैं। हम जम्मू-कश्मीर के आम लोगों के खिलाफ नहीं हैं, हमने नौकरियां और अन्य सरकारी योजनाएं उन तक पहुंचाना शुरू किया है।

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