- पंचायत समिति- भाजपा (1836 सीटें) कांग्रेस (1718)
- जिला परिषद- भाजपा (323) कांग्रेस (246)
- बदला ट्रेंड, टूटा मिथक; जिसकी सरकार, उसे फायदा होता है, एक दशक में पहली बार ऐसा नहीं हुआ
राजस्थान के 21 जिलाें में पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्य चुनावों के नतीजों ने पिछले दस सालों से चल रहे ट्रेंड और मिथक को तोड़ दिया। मंगलवार रात 2:30 बजे तक पंचायत समिति की कुल 4371 में 4051 सीटों के नतीजे घोषित हुए। इनमें से 1836 में भाजपा, 1718 में कांग्रेस और 422 में निर्दलीय ने जीत दर्ज की। आरएलपी 56, सीपीआईएम 16 व बसपा ने 3 सीटें जीतीं। वहीं, जिला परिषदाें की 636 सीटाें में से 598 सीटाें पर नतीजे घाेषित हुए हैं।
इनमें बीजेपी 323, कांग्रेस 246, निर्दलीय 17, आरएलपी 10 व सीपीआईएम 2 पर जीती है। इस बार सचिन पायलट, गोविंद डोटासरा, रघु शर्मा, उदयलाल आंजना व खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना के क्षेत्रों में भी कांग्रेस हार गई। बता दें 2015 में वसुंधरा राजे सरकार के दौरान जिला परिषद की 21 सीटें भाजपा व 12 कांग्रेस ने जीती थीं। 2008 में गहलोत सरकार में कांग्रेस ने 24, भाजपा ने 8 व एक निर्दलीय ने जीती थी। उधर, दोनों दलों ने रात से ही बाड़ाबंदी भी शुरू कर दी।
- 14 जिलाें में भाजपा बना सकती है बाेर्ड; अजमेर, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बूंदी, चिताैड़गढ़, चूरू, जालाैर, झालावाड़, झुंझुनूं, पाली, राजसमंद, सीकर, टाेंक और उदयपुर।
- 5 जिलाें में कांग्रेस बनाएगी बोर्ड; बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, हनुमानगढ़, जैसलमेर।
- नागौर में बेनीवाल किंगमेकर; 20 बीजेपी, 18 कांग्रेस और नाै सीटें आरएलपी काे मिलीं।
- डूंगरपुर में बीटीपी का जिला प्रमुख बनेगा।
डोटासरा, प्रदेश अध्यक्ष
लक्ष्मणगढ़ से कांग्रेस काे 25 में केवल 11, भाजपा काे 13 और एक निर्दलीय प्रत्याशी को पंचायत समिति में जीत हासिल हुई।
पायलट, पूर्व डिप्टी सीएम
टोंक क्षेत्र की पंचायत समिति में 19 में से 9 सीटों पर भाजपा, 7 पर कांग्रेस और तीन पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है।
रघु शर्मा, स्वास्थ्य मंत्री
अजमेर में 11 पंचायत समितियों में से 9 पर भाजपा को बढ़त मिली है और दो में कांग्रेस को। रघु शर्मा इसी क्षेत्र से आते हैं।
आंजना, सहकारिता मंत्री
उदयलाल आंजना के क्षेत्र निंबाहेड़ा पंचायत समिति की 17 में से 14 सीटों पर भाजपा और तीन पर कांग्रेस ने जीत पाई।
अशोक चांदना, खेल मंत्री
अशोक चांदना के क्षेत्र हिंडौली में 23 में से 13 पंचायत समितियों में बीजेपी और 10 में कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है।
महेंद्र, उप मुख्य सचेतक
महेंद्र चौधरी के क्षेत्र नावां में 21 में से 14 पंचायत समितियों में भाजपा, 6 में कांग्रेस और एक में आएलपी ने जीत हासिल की।
कांग्रेस की हार के 3 बड़े कारण
1. संगठन की गैर माैजूदगी: न तो प्रदेश और न ही जिला स्तर पर कांग्रेस का संगठन नजर आया 2. विधायकों के भराेसे रहे: विधायकों को सिंबल दे दिए गए। पिछले दिनों जयपुर, कोटा और जोधपुर नगर निगम चुनावों में भी इसका खामियाजा उठाना पड़ा था। 3. टिकट बंटवारे में परिवारवाद के आरोप: विधायकों ने ज्यादातर टिकट रिश्तेदारों को बांटे। नाराजगी बढ़ी। टिकट बेचने के भी आरोप।
इस हार के 3 बड़े सियासी मायने
1. अगले साल उपचुनाव है; अगले साल विधानसभा उपचुनाव होने हैं, ऐसे में पंचायत चुनावों की हार मनोबल गिरा सकती है। 2. पार्टी में असंतोष; हार का ठीकरा फोड़ने को लेकर पार्टी में असंतोष का खतरा बढ़ गया है। 3. राजनीतिक नियुक्तियों पर असर; आने वाले दिनों में पार्टी में संगठन और राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं, ऐसे में जिन मंत्रियों और विधायकों के क्षेत्र में कांग्रेस हारी है उन्हें इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है।
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- केंद्रीय मंत्री मेघवाल के बेटे और कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया की सास और देवरानी दोनों की हार
- केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल के बेटे बीकानेर जिला परिषद चुनाव हारे।
- सादुलपुर से कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया की सास व देवरानी पंचायत समिति सदस्य के चुनाव में हारीं।
- भाजपा विधायक गोपीचंद मीणा की मां उगमा देवी भीलवाड़ा के जहाजपुर पंचायत समिति का चुनाव हारीं।
- सरदारशहर विधायक भंवरलाल शर्मा की पत्नी मनोहरीदेवी शर्मा अपने देवर श्यामलाल से पंचायत समिति सदस्य का चुनाव हारीं। श्यामलाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था।
- श्रीमाधोपुर के पूर्व विधायक झाबर खर्रा के बेटे दुर्गा सिंह चुनाव हारे
- गढ़ी से भाजपा विधायक कैलाश मीना की पुत्रवधू हारी।
- कांग्रेस की पूर्व विधायक कान्ता भील के पुत्र अरथूना से हारे।
- राज्यसभा चुनाव में बीटीपी विधायकों पर 10 लाख रु. लेने का आरोप लगाने वाले मालवीया के बेटे विजयी
चुनाव की रैली के दौरान ही बीटीपी विधायकों पर पैसे लेने का आरोप लगाने वाले कांग्रेस विधायक महेंद्रजीत मालवीया के बेेटे विजयी रहे। मालवीया ने कहा था कि बीटीपी विधायकों ने राज्यसभा चुनाव व सरकार पर संकट के समय 10-10 लाख रु. लिए थे।
- सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के भाई मनोहर आंजना निंबाहेड़ा पंचायत समिति के वार्ड-15 से 133 वोटों से विजयी रहे।
- प्रतापगढ़ से कांग्रेस विधायक रामलाल मीना की पत्नी इंद्रा मीना जिला परिषद वार्ड 3 से जीतीं।
- कांग्रेस विधायक गोविंद राम मेघवाल के बेटे, बेटी और पत्नी ने चुनाव में जीत हासिल की।
- कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव व जहाजपुर के पूर्व विधायक धीरज गुर्जर की मां सीता देवी व पत्नी हेमलता ने पंचायत समिति चुनाव जीता।