मध्य प्रदेश : गृहमंत्री ने विधानसभा में कहा- साढ़े छह महीने में प्रदेश में सड़क हादसों में साढ़े छह हजार लोगों की मौत

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भोपाल।  गृहमंत्री बाला बच्चन ने विधानसभा में बताया कि राज्य में पिछले साढ़े छह महीने में सड़क हादसों में लगभग साढ़े छह हजार लोगों की मौत हो गई। गृहमंत्री ने भाजपा विधायक कमल पटेल के सवाल के लिखित जवाब में बताया कि प्रदेश में एक दिसम्‍बर 2018 से इस साल 12 जून तक सड़क हादसों में कुल छह हजार 567 लोगों ने अपनी जान गंवाई।

सर्वाधिक मौतें धार में 326 हुईं। राजधानी भोपाल में इस अवधि में 162 लोग, इंदौर में 168, ग्वालियर में 169 और जबलपुर में 251 लोग सड़क हादसों का शिकार बने। उन्होंने कहा कि राज्य में सड़क हादसों में बढ़ोत्तरी का कारण जनसंख्या एवं वाहनों की संख्या में इजाफा होना है। शासन आधुनिक तकनीक एवं डायल 100 का उपयोग कर सड़क हादसों की रोकथाम के लिये प्रयास कर रहा है।

71 किसानों ने की आत्महत्या : गृहमंत्री बाला बच्चन ने आज विधानसभा में बताया कि पिछले साल एक दिसंबर से इस साल 12 जून तक राज्य में किसानों की आत्महत्या के कुल 71 मामले सामने आए। एक सवाल के लिखित जवाब में गृहमंत्री ने बताया कि प्रदेश में एक दिसंबर 2018 से 12 जून 2019 तक कुल 71 किसानों ने आत्महत्या की। इनमें से सर्वाधिक आत्महत्याएं 14 सीधी में और 13 सागर जिले में दर्ज हुईं।

अधिकारियों पर नहीं होगी कार्रवाई: एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि भोपाल में पिछले महीने आठ साल की एक मासूम के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में उच्च अधिकारियों पर कोई कार्रवाई अपेक्षित नहीं है। गृहमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी विधायक बहादुर सिंह चौहान के सवाल के लिखित जवाब में कहा कि कमलानगर थाने में आठ जून को पीड़िता के परिजन की सूचना पर पीड़ितों की अपेक्षा के अनुरुप संवेदनशीलता एवं तत्परता से कार्यवाही न करने के लिए प्रथम दृष्ट्या दोषी प्रतीत हो रहे पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया। घटना की रिपोर्ट के समय थाना प्रभारी आलोक श्रीवास्तव अवकाश पर थे। इसलिए थाना प्रभारी पर कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। उज्जैन एवं भोपाल के दुष्कर्मों के प्रकरण में उच्च अधिकारियों पर कोई कार्रवाई अपेक्षित नहीं है।

किसान आंदोलन के दौरान विधिसम्मत प्रकरण दर्ज हुए : गृहमंत्री बाला बच्चन ने आज विधानसभा में कहा कि दो वर्ष पूर्व मंदसौर में हुए किसान आंदोलन के दौरान विधिसम्मत प्रक्रिया अनुसार आपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये। गृहमंत्री ने कांग्रेस विधायक हरदीपसिंह डंग के एक सवाल के लिखित जवाब में ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान एवं अन्य स्थानों पर विधिसम्मत प्रक्रिया अनुसार आपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये हैं।

मई – जून 2017 में किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज प्रकरणों को वापस लिए जाने के बारे में उन्होंने बताया कि प्रकरण वापसी के संबंध में 31 जनवरी को नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके अन्तर्गत कार्यवाही की जा रही है। यह सतत् प्रक्रिया है, जिसकी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

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