येरुशलम. इजराइल के समुद्र तट पर लाखों जेलीफिश जमा हो गई हैं। इससे वहां पर्यटकों को समस्याएं आ रही हैं। इससे जुड़े उद्योग को काफी नुकसान होने की आशंका है। सुरक्षाकर्मियों ने तैराकों को ऐहतियात बरतने और दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा है।
वैसे यह समस्या सिर्फ इजराइल तट तक ही सीमित नहीं है बल्कि दुनियाभर में इसकी संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस वजह से हर साल दुनियाभर में करीब 15 करोड़ पर्यटक जेलीफिश के डंक से पीड़ित हो जाते हैं।
जेलीफिश 50 करोड़ साल पुरानी जीव- रिसर्च
- जीवाश्म के अध्ययन से पता चला कि जेलीफिश लगभग 50 करोड़ वर्ष पुरानी जीव है। यह समुद्र और नदियों में पाई जाती है। आमतौर पर ज्यादातर जेलीफिश इंसानों के लिए नुकसानदायक होती है। इसके डंक से इंसानी कोशिकाओं को नुकसान होता है।
- हवाई यूनिवर्सिटी की जीव वैज्ञानिक एंजेल यानागिहारा ने कहा- शार्क के हमले के मुकाबले जेलीफिश के डंक से ज्यादा लोगों की मौत होती है। रिसर्च के मुताबिक- फिलीपींस में जेलीफिश के डंक से हर साल 100-150 लोगों की मौत होती है।
- जेलीफिश से दुनियाभर के मत्स्य उद्योग को नुकसान होता है। यह मछली पकड़ने वाले जाल को भी बाधा पहुंचाती है। जेलीफिश के कारण स्वीडन और स्कॉटलैंड समेत कई देशों के विद्युत संयंत्रों को अस्थाई तौर पर बंद करना पड़ता है।
- वैज्ञानिकों के अनुसार दुनियाभर में अरबों डॉलर का पर्यटन उद्योग इससे प्रभावित होता है। ऑस्ट्रेलिया में 2018-2019 के गर्मी के मौसम में जेलीफिश के कारण 18 समुद्र तटों को बंद कर दिया गया था।