भोपाल. इसी साल जनवरी में अपने सीनियर ऑफिसर पर बदतमीजी का आरोप लगाकर चर्चा में आए मध्यप्रदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नियाज अहमद खान एक बार फिर सुर्खियों में हैं। नियाज ने अपने मुस्लिम होने की पीड़ा सोशल मीडिया पर सार्वजनिक की है। मप्र के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने इसे लोकप्रियता पाने का हथकंडा बताया है। उन्होंने कहा कि देश में खान नाम के लोग बहुत मजबूत हैं और देश का नाम कर रहे हैं।
नियाज फिलहाल परिवहन विभाग में पदस्थ हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि वह अपनी नई किताब के लिए अपना नया नाम ढूंढ रहे हैं, जिससे वह अपने मुस्लिम होने की पहचान छुपा सकें और नफरत से खुद को बचा सकें। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए।
नया नाम मुझे हिंसक भीड़ की नफरत से बचाएगा
नियाज ने कहा कि मेरा नया नाम मुझे हिंसक भीड़ से बचा ले जाएगा। अगर मेरे पास टोपी, कुर्ता और दाढ़ी नहीं होगी तो मैं भीड़ को अपना नकली नाम बताकर आसानी से बच जाऊंगा। हालांकि, मेरे भाई ने अगर पारंपरिक कपड़े पहने हों तो वह बहुत ही खतरनाक स्थिति में हैं। क्योंकि कोई भी संस्था हमें बचाने में सक्षम नहीं है, इसलिए बेहतर होगा कि हम अपना नाम बदल लें।
मुस्लिम अभिनेताओं को भी दी नाम बदलने की सलाह
नियाज ने बॉलीवुड के मुस्लिम अभिनेताओं को भी सलाह दी है कि वह अपना नाम बदल लें। नियाज ने लिखा, उनके समुदाय से जुड़े बॉलीवुड एक्टर भी अपनी फिल्मों को बचाने के लिए नाम बदल लें। अब तो टॉप स्टार्स की भी फिल्में फ्लॉप होने लगी हैं, उन्हें इसका मतलब समझना चाहिए।
अबू सलेम पर लिख चुके हैं किताब
नियाज खान अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम पर भी किताब लिख चुके हैं। किताब लिखने के लिए उन्होंने अबू सलेम के साथ जेल में रहने की इच्छा भी जताई थी, हालांकि उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली थी। वहीं इसी साल जनवरी में भी उन्होंने खुद के मुसलमान होने की पीड़ा ट्विटर पर जाहिर की थी। नियाज खान ने लिखा था कि खान सरनेम भूत की तरह उनके पीछे पड़ा है। इसकी वजह से कई बार प्रताड़ित होना पड़ा है।