ओबीसी आरक्षण संशोधन विधेयक मंगलवार काे लोकसभा में पारित हो गया। इसके समर्थन में 385 वोट पड़े, विरोध में एक भी नहीं। बुधवार काे इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। यहां भी इसका पास हाेना तय है। इसके पास होने के बाद राजस्थान में तीन जातियां नातरायत, हबशी और खत्री छीपा ओबीसी सूची में शामिल हो सकती हैं।
अभी इस सूची में कुल 91 जातियां है। वर्ष 1994 में 52 जातियां ही थी। स्टेट ओबीसी कमीशन ने 3 जातियां और जाेड़ने की सिफारिश की है। नातरायत मेवाड़ के अलावा सिरोही, जालोर व पाली, हबशी जालोर जिले में हैं। खत्री-छीपा बाड़मेर में है।
राज्य सरकार ने विधानसभा में एक आरक्षण विधेयक पर माना था कि ओबीसी समाज की जनसंख्या 52% से अधिक है। ऐसे में ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की पैरवी की थी। इसे आधार बनाते हुए गुर्जर सहित 5 जातियों काे अलग से पिछड़ाें का आरक्षण दिया था।
52% ओबीसी जनसंख्या
पिछले 10 साल में प्रदेश में ये 9 जातियां ओबीसी में जुड़ी
83 कागजी, 84 बिसायती, 85 कम्बोज, 86 इलाहा, ईलाही (दाई-माई), 87 गुरु, गर्ग और ब्राह्मण, 88 पुजारी सेवक, 89 शोरगर, 90 कृषक (करसा) राजपूत (खरवड़, चंदाना ऊंठड़, परमार, कडेचा, तलादरा, दिया, गुल दषाणा) समाज, इनका आरक्षण सिर्फ राजसमंद के लिए मान्य रहेगा 91 भोपा (नायक) को शामिल किया गया है।