मप्र / गर्भपात कराने की सूचना पर मरीज बनकर पहुंचीं डिप्टी कलेक्टर, महिला डॉक्टर को 9 घंटे थाने में बैठाया

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  • CN24NEWS-30/06/2019
  • स्टिंग के सबूत पेश नहीं कर पाई डिप्टी कलेक्टर, रात तक सबूत तलाशते रहे अफसर
  • देर रात महिला डॉक्टर आईसीयू में भर्ती, ग्वालियर शह के डॉक्टर हड़ताल पर गए

ग्वालियर। सिटी सेंटर स्थित गर्ग मदर एंड चाइल्ड केयर क्लीनिक पर डिप्टी कलेक्टर दीपशिखा भगत ने मरीज बनकर शनिवार सुबह गर्भपात के शक में स्टिंग किया। इसके एक घंटे बाद डिप्टी कलेक्टर ने पुलिस की मदद से महिला डॉ. प्रतिभा गर्ग को विश्वविद्यालय थाने बुलाया और रात 8.30 बजे तक पूछताछ की। इस दौरान स्टिंग करने वाली डिप्टी कलेक्टर गर्भपात के कोई ठोस प्रमाण नहीं बता पाईं। इस घटना के बाद रविवार को ग्वालियर शहर के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। डॉक्टरों ने डिप्टी कलेक्टर को सस्पेंड करने की मांग की है।

मामले की जानकारी मिलते ही शहर के डॉक्टर थाने पर एकत्र होने लगे। प्रशासन की कमजोर कार्रवाई और डॉक्टरों के तेवर देख रात 8.45 बजे डॉ. प्रतिभा गर्ग को पुलिस थाने में बने सीएसपी के कमरे से बाहर निकाला गया। इसके बाद शहर के सभी डॉक्टर जेएएच पहुंचे। यहां उन्होंने महिला डॉक्टर को आईसीयू में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने डिप्टी कलेक्टर सहित कार्रवाई में शामिल सभी अफसरों पर डॉक्टर को प्रताड़ित करने का मामला कायम कराने व डिप्टी कलेक्टर को तत्काल सस्पेंड करने की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी। इसके साथ ही निजी डॉक्टर भी उनके साथ आ गए हैं। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर अनुराग चौधरी को क्लीनिक में गर्भपात होने की सूचना मिली थी।

शनिवार को डिप्टी कलेक्टर के नेतृत्व में टीम सिटी सेंटर के गर्ग मदर एंड चाइल्ड केयर क्लीनिक पहुंची। इस टीम के साथ सादा वर्दी में दो-दो महिला व पुरुष पुलिस कर्मी सहित अन्य लोग मौजूद थे। यहां पर दिपाशा शर्मा नाम की मरीज बनकर पहुंची डिप्टी कलेक्टर ने डॉक्टर प्रतिभा से कहा कि गर्भपात कराना है। उन्होंने पहले जेएएच जाने की सलाह दी। इसके बाद ज्यादा जिद करने पर डॉक्टर प्रतिभा ने अल्ट्रा साउंड कराने की सलाह देते हुए पर्चा लिख दिया और फीस ले ली। डिप्टी कलेक्टर दीप शिखा ने अपने स्टिंग के बाद महिला डॉ. को थाने बुलवा लिया। डिप्टी कलेक्टर के निर्देश पर ही डॉ. प्रतिभा व उनके पति प्रदीप गर्ग का मोबाइल तथा क्लीनिक पर लगा डीबीआर भी जब्त कर लिया गया।

महिला डॉ. को 9 घंटे थाने में रोकने पर हंगामा: महिला डॉ. प्रतिभा को जांच टीम पुलिस के साथ सुबह 11 बजे थाने लेकर पहुंची। शाम पांच बजे तक पूछताछ शांति से होती रही। इसके बाद भी जब उन्हें नहीं छोड़ा गया तो पति डॉ. प्रदीप गर्ग ने वाट्स एप ग्रुप पर संदेश शहर के डॉक्टर व यूनियन को भेजा। इसके बाद थाने में डॉक्टरों की भीड़ जुट गई। यहां दो तीन बार नारेबाजी हुई और अफसरों के साथ मुंहवाद भी। थाने पहुंचे डॉक्टरों की सभी यूनियन के सदस्य जब इसे पश्चिम बंगाल की घटना से जोड़ने लगे और जेएएच सहित सभी अस्पतालों में हड़ताल की तैयारी करने लगे तो पुलिस व प्रशासन ने महिला डॉ. को सिर्फ नोटिस देकर छोड़ दिया। इस नोटिस में उन्हें जांच के लिए 1 जुलाई को कलेक्टोरेट के कमरा नंबर 206 में दोपहर 12 बजे आने की बात कही गई है।

स्टिंग पुख्ता करने बुलाए एक्सपर्ट, अफसर भी पहुंचे: थाने पर जब डॉक्टरों की भीड़ बढ़ने लगी तो कलेक्टर अनुराग चौधरी ने जांच अधिकारी डिप्टी कलेक्टर दीपशिखा की मदद के लिए एसडीएम पुष्पा पुषाम, अनिल बनवारिया व अपर कलेक्टर रिंकेश वैश्य को थाने भेजा। इसके बाद भी जब बात नहीं बनी तो एडीएम संदीप केरकेट्टा व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पंकज पांडे भी पहुंचे। डॉक्टरों ने जब श्री पांडे से महिला डॉक्टर को छोड़ने की मांग की तो उन्होंने फोर्स बुलाने के निर्देश थाना प्रभारी को दिए। इसके बाद डॉक्टरों ने नारेबाजी की। प्रशासन ने अपने इस स्टिंग को पुख्ता बनाने के लिए डीपीओ नसीम अहमद खान को कानून की किताबें लेकर थाने भी बुलाया।

आरोप 

  • जीआरएमसी गायनिक विभाग एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रतिभा ने कहा डिप्टी कलेक्टर दीपशिखा, दिपासा शर्मा बनकर मरीज के रूप में आईं और गर्भपात कराने की बात कही। इस पर मैंने गर्भपात न करने की बात कही। डिप्टी कलेक्टर मुझे सिर्फ फंसाने आई थीं। जबकि उनके पास कोई ठोस सबूत ही नहीं हैं। ,
  • डिप्टी कलेक्टर दीपशिखा भगत ने कहा कि डॉक्टर गर्भपात के लिए हर कंडीशन में तैयार थीं। उन्होंने गर्भपात करने का प्रयास भी किया, लेकिन मैंने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। इसके सुबूत भी मेरे पास हैं। मैं विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर कलेक्टर को सौंप रही हूं।

आज गंभीर मरीज ही देखेंगे डॉक्टर : गर्भपात के स्टिंग के नाम पर प्रशासन ने जो भी कुछ किया, वह डॉक्टरों को नागवार गुजरा है। इसी कारण वे आंदोलन पर चले गए हैं। उनका कहना है कि यदि डॉ. प्रतिभा ने गलत काम किया है तो उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करती। चूंकि मामला झूठा व मनगढ़ंत था इसलिए जांच के नाम पर महिला डॉक्टर को 9 घंटे थाना परिसर के कमरे में बैठाकर, यातनाएं देकर रात में सिर्फ नोटिस देकर छोड़ दिया गया। दूसरी तरफ प्रशासन गर्ग मदर चाइल्ड केयर क्लीनिक पर मिले रिकॉर्ड की जांच रात एक बजे तक करता रहा। वहीं डॉक्टरों की हड़ताल के कारण सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों को उपचार नहीं मिल पाएगा। हालांकि उन्होंने इमरजेंसी सेवा उपलब्ध कराने की बात कही है।

पति को भी नहीं था पता: डॉ. प्रतिभा गर्ग के पति डॉ. प्रदीप गर्ग को शाम पांच बजे तक न तो यह बताया गया कि उनकी पत्नी को किस मामले में उठाकर लाया गया है और न ही उनसे मिलने दिया गया। उन्होंने जानकारी आईएमए अध्यक्ष डॉ. नीरज शर्मा, डॉ. एसएस भल्ला सहित अन्य वरिष्ठ डॉक्टरों को दी। इसके बाद डॉक्टर विश्वविद्यालय थाने पहुंच गए। थाना प्रभारी बोले यह कार्रवाई उन्हाेंने नहीं बल्कि एसडीएम ने की है। आप कलेक्टर से बात करें।

एएसपी ने टीआई से कहा- फोर्स मंगवाओ 
एएसपी पंकज पांडेय के थाने पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें घेर लिया और कहा कि बिना कारण आठ घंटे से एक महिला डॉक्टर को गैर कानूनी तरह से बिठा रखा है जो गलत है। डॉक्टर जब शांत नहीं हुए तो उन्होंने टीआई से कहा कि फोर्स बुला लो। यह सुनकर डॉक्टर बोले आप फोर्स बुलाओ हम जेल जाने तैयार हैं। अगर आधा घंटे में आपने हमें नहीं बताया कि किस अपराध में डॉ. प्रतिभा को बिठाया है तो हम हड़ताल पर चले जाएंगे। इसके बाद श्री पांडेय बोले आप दस मिनट का समय दो हम उन्हें छोड़ रहे हैं।

डॉक्टर बोले- हमारे साथ अपराधियों जैसा बर्ताव क्यों 
विश्वविद्यालय थाने में जब डॉक्टर सीएसपी कार्यालय की ओर जाने लगे तो पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोक दिया। इस पर डॉक्टर बोले हमारे साथ चोरों जैसे बर्ताव क्यों? पुलिस अपराधियों को तो छोड़ देती है और डॉक्टरों से ऐसा बर्ताव कर रही है जैसे हम अपराधी हों? वहीं कुछ डॉक्टरों का आरोप था कि एसडीएम दीपशिखा भगत ने यह कार्रवाई द्वेषवश की है। कुछ डॉक्टर यह तक कह रहे थे कि एसडीएम के परिवार की एक महिला सदस्य जेएएच में नौकरी करती है। इसी के चलते यह कार्रवाई की गई है।
डॉक्टर को बिना किसी सबूत के थाने में बिठाए जाना अनुचित है। शनिवार रात से नर्सिंग होम यूनियन, आईएमए व एमटीए, मेडिकल अॉफिसर यूनियन के सदस्य हड़ताल पर चले गए हैं। रविवार दोपहर 12 बजे तक डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन प्रदेश में प्रारंभ हो जाएगा। – डॉ. नीरज शर्मा, अध्यक्ष आईएमए

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