हिमाचल यूनिवर्सिटी : एक करोड़ का प्रॉस्पेक्टस घोटाला; सिर्फ एक पर कार्रवाई, बाकी सभी बरी, अब जांच भी बंद

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शिमला. हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के बहुचर्चित प्राॅस्पेक्टस घाेटाले में सिर्फ एक ही आराेपी अनुभाग अधिकारी बाबूराम काे बर्खास्त किया गया है। पिछले 16 साल से ये घाेटाला हाेता रहा, लेकिन किसी भी अधिकारी ने एक्शन नहीं लिया। ऐसे में अधिकारियाें काे विवि प्रशासन क्लीन चिट दे रहा है। अब एचपीयू की ईसी ने इसकी जांच भी बंद कर दी है।

हैरानी की बात ये है कि प्रशासन की ओर से सिर्फ आराेपी बाबूराम की ही इनक्वायरी करवाई गई। जिसकी इस मामले में जवाबदेही है, उनसे किसी तरह का जवाब नहीं मांगा गया। इन्हें सिर्फ विटनेस बनाया गया है।जांच अधिकारी और एचपीयू के डीएसडब्ल्यू प्राे. कंवलजीत सिंह का कहना है- मुझे बाबूराम के खिलाफ इन्क्वायरी रिपाेर्ट बनाने काे कहा था। इस रिपाेर्ट काे ईसी में रखा गया। ईसी ने अपने स्तर पर इसमें फैसला लिया है। अन्य अधिकारियाें की जांच क्याें नहीं की गई, इस पर मैं कुछ नहीं कह सकता हूं।

एजी की ऑडिट टीम सामने लाई घोटाला

इक्डोल के नवंबर माह में किए गए ऑडिट में प्रॉस्पेक्टस बिक्री में घोटाले का मामला सामने आया था। ऑडिट कर रही एजी की टीम ने ऑडिट पैरा में प्रॉस्पेक्टस बिक्री में घोटाले का पैरा बनाकर विवि को लिखित में सूचित कर अपने स्तर पर जांच करने को कहा था। प्रॉस्पेक्टस बिक्री की प्रक्रिया में इसकी छपाई, बिक्री से लेकर आय को बैंक में जमा करवाने तक की प्रक्रिया में बहुत से लोग शामिल होते हैं। वर्ष 2011 से लेकर कैसे किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी, इस पर सवाल खड़े हुए थे। यूनिवर्सिटी का अपना लोकल ऑडिट विभाग भी है, जो हर साल ऑडिट करता है। सवाल उठता है कि एलएडी की नजर में यह एक करोड़ का घोटाला क्यों सामने नहीं आया।

2018 में बाबू राम को किया था निलंबित

ऑडिट में सामने आए मामले के बाद एचपीयू प्रशासन ने बाबू राम को बीते 16 नवंबर 2018 को निलंबित कर दिया था। इक्डोल निदेशक की अध्यक्षता में आंतरिक जांच कमेटी गठित की गई थी। जांच रिपोर्ट में बाबू राम को प्रॉस्पेक्टस बिक्री की करीब एक करोड़ 14 लाख 45 हजार का गोलमाल करने का दोषी पाया गया। यह गोलमाल सात सालों में अंजाम दिया गया था। इस रिपोर्ट के आधार पर ही एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

ये है पूरा मामला

बाबूराम इस सीट पर 2001 से प्रॉस्पेक्टस बिक्री का काम कर रहा था। बाबू राम इक्डोल के प्रोस्पेक्टस काउंटर पर 2011-12 से 2017-18 के दाैरान भी तैनात था। इसी दौरान उसने प्रॉस्पेक्टस की सेल में 1 कराेड़ 14 लाख 45 हजार का घोटाला किया है। इसलिए एचपीयू स्तर पर बनाई गई जांच कमेटी ने 2001 से प्रॉस्पेक्टस सेल के रिकॉर्ड की जांच भी की है। एचपीयू के रजिस्ट्रार ने पुलिस को दी शिकायत में बाबू राम के उक्त सेल काउंटर पर तैनाती के दिन से 2018 तक के कार्यकाल में हुई बिक्री की जांच करने की मांग भी की है।

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