रांची. राज्य में बढ़ते माॅब लिंचिग की घटनाओं पर रोक एवं तबरेज अंसारी के परिवार को न्यान दिलाने को लेकर शुक्रवार को मुत्ताहिदा मुस्लिम महाज (संयुक्त मुस्लिम संगठ़न) द्वारा डोरंडा उर्स मैदान में जन आक्रोश दिखा। यहां सभा को सम्बोधित करते हुए महाज के संयोजक मौलाना ओबेदुल्लाह कासमी ने कहा कि जन आक्रोश सभा का ये आंदोलन किसी जाति धर्म के खिलाप नहीं बल्कि हमारी लड़ाई सम्प्रदायिक तत्वों और शाक्तियों के खिलाफ है। माॅब लिंचिंग की घटना और नफरत फैलाने की साजिश के बावजूद हिन्दू-मुस्लिम एकता व गंगा जमना तहजीब की जड़े मजबूत है जिसे कोई हिला नहीं सकता। उन्होंने कहा कि शादी से वापस आ रहे तबरेज अंसारी को पकड़ कर 18 घंटे बांध के मारा गया, दोषी भीड़ बचने के लिए चोरी के आरोप लगाकर उसे जेल भेजवा दिया जहा पुलिस के लापरवाही से उसकी मौत हो गई।
बनाया जा रहा असुरक्षा का माहौल
झारखंड तंजीम के अध्यक्ष शमशेर आलम ने कहा कि एक साजिश के तहत राज्य में इस तरह के घटना को अंजाम देकर असुरक्षा का माहौल बनाया जा रहा है। लोग आज खुद को असुरक्षित महसुस कर रहे हैं। आलम चेतावनी देते हुए कहा कि अगर राज्य में माॅब लींचिंग कि घटनाएं रोकी नही गई तो आने वाले दिनो में झारखंड की पहचान माॅब लींचिंग राज्य के रूप में होगा। पूरे राज्य में लगातार हुए घटना में सरकार कभी गंभीर दिखाई नहीं दी जिसका नतीजा है कि वैसे लोग जो माॅब लिंचिंग में शामिल हैं, उनका मनोबल बढ़ता जा रहा है। हमारा उद्देशय देश में सम्प्रादाय सद्भाव कायम करना है और हम उस दिशा में लगातार प्रयास करते रहेंगे।
युवा धार्मिक उन्माद की ओर बढ़ रहे
आमया संगठन के अध्यक्ष एस अली ने कहा कि माॅब लिंचिंग की घटनाओं ने झारखंडी एकता को कमजोर किया है। युवा शिक्षा रोजगार और विकास के अभियान छोड़ धार्मिक उन्माद की ओर बढ़ रहे हैं जो चिंता का विषय है। राज्य में 17 से ज्याद माॅब लिंचिंग की घटनाएं हुई जिसमें केवल बोकारो, रामगढ़ और तबरेज अंसारी के मामले पर ही फास्ट ट्रेक कोर्ट का गठन हुआ बाकि पीड़ित परिवार आज भी न्याय और मुआवजा के लिए भटक रहे हैं। मुफ्ती अनवर कासमी ने कहा कि मॉब लिंचिंग की घटना जब हद से बढ़ गया तब हम घर से निकले जो मुल्क से मोहब्बत करता है, वह मैदान में आएगा। जुल्मों सितम के खिलाफ हम इकट्ठा हुए हैं। आज इस मंच से इस तरह की घटना दोबारा ना हो हम हुकूमत से यह मांग करते हैं।
मरने वालों को दिया जाए एक करोड़ का मुआवजा
कारी जान मोहम्मद रिजवी ने कहा कि हिंदुस्तान में कानून बना है। अगर कोई गलती करता है, सजा कानून देगी। मॉब लिंचिंग के नाम पर परेशान करना बंद करें। हिंदुस्तान में रोड पर फैसला नहीं होता है। अगर होगा तो तो फिर सभी कोर्ट बन्द कर दिया जाय। पार्लियामेंट में पास किया जाय कि जो कातिल है उसे फांसी की सजा दी जाए और मरने वालों को एक करोड़ रुपए मुआवजा दिया जाए। मौलाना शफीक अलयावी ने कहा कि इस कार्यक्रम का मकसद है देश के संविधान को बचाना। गाय और गोश्त के नाम पर मॉब लिंचिंग किया जा रहा है। अब अगर ये बंद न हुआ तो हम सड़कों पर उतरेंगे। मौलाना तलहा नदवी ने कहा कि जब मुसलमान जागता है तो अंग्रेजों को भी जगह छोड़ना पड़ता है। मॉब लिंचिंग का बदला हम मॉब लिंचिंग से नहीं लेते। मुसलमान अमन का पैगाम देता है। मुल्क की हिफाजत हम करेंगे। संविधान की रक्षा हम करेंगे।
सभा के द्वारा सात सुत्री प्रस्ताव पारित कर सरकार से मांग किया गया कि
(1) तबरेज अंसारी माॅब लिंचिंग कांड की सीबीआई से जांच करवाया जाए।
(2) सर्वोच्च न्यालय द्वारा माॅब लिंचिंग पर रोक हेतू दिये आदेशों का अक्षता पालन किया जाए।
(3) राज्य में बढ़ते माॅब लिंचिंग पर रोक हेतू कानून बनाया जाए।
(4) माॅब लिंचिंग के सभी घटनाओं पर फास्ट ट्रैक कोर्ट गठन कर सुनवाई करवाई जाए।
(5) माॅब लिंचिंग के सभी पीड़ित परिवार का पुर्नवास सुनिश्चित किया जाए।
(6) माॅब लिंचिंग पीड़ित परिवारों पर लगे मुकदमों को वापस लिया जाए।
(7) माॅब लिंचिंग जैसे घटनाएं होने पर जिला के वरीय पुलिस प्रशासन पर कारवाई हो।