रोकी गई अमरनाथ यात्रा, एडवाइजरी के बाद कश्मीर से लौटने लगे हैं तीर्थयात्री

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आतंकी खतरे को देखते हुए अमरनाथ यात्रा रोक दी गई है. जम्मू कश्मीर के गृह सचिव ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को एडवाइजरी कर उन्हें तुरंत घाटी छोड़ने की सलाह दी है. एडवाइजरी के बाद अमरनाथ यात्री कश्मीर से वापस लौटने लगे हैं.

जानकारी के अनुसार जब यह फैसला लिया गया तो कुछ यात्री रास्ते के बीच में थे, जबकि कुछ स्टेशन के इर्द गिर्द ही थे. वे सभी अब वहां से अपने-अपने गंतव्य को लौटने लगे हैं.

दरअसल, सुरक्षा बलों को अमरनाथ यात्रा के रूट पर सर्च ऑपरेशन के दौरान स्नाइपर राइफल मिली, जिसके बाद यात्रा रोकने का फैसला किया गया. आतंकी खतरे को भांपते हुए तुरंत ये एडवाइजरी की गई कि अमरनाथ यात्री अमरनाथ यात्रा मार्ग में जहां कहीं भी हैं वो अपने-अपने घरों की तरफ लौटने की कोशिश करें, क्योंकि उनपर हमले की बड़ी साजिश रची जा रही है.

जम्मू कश्मीर के गृहसचिव ने एडवाइजरी में लिखा है कि आतंकी खतरे, खासतौर पर अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने के खतरे पर खुफिया विभाग के ताजा इनपुट और कश्मीर घाटी के सुरक्षा हालात को ध्यान में रखते हुए अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों के हित में ये सलाह दी जाती है कि वो तुरंत घाटी में अपने ठहराव को छोटा करें और जितना जल्द हो सके वापस लौटने के उपाय करें.

अमरनाथ यात्रा 15 अगस्त को खत्म होने वाली थी, लेकिन इस एडवाइजरी का मतलब है कि इसे अनौपचारिक तौर पर रोक दिया गया है. इससे पहले सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना ने श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये दावा किया कि अमरनाथ यात्रियों पर स्नाइपर से हमले की कोशिश को सुरक्षाबलों ने पूरी तरह नाकाम कर दिया.

अमरनाथ यात्रा पर मंडरा रहे आतंकी साजिश को नाकाम करना बड़े राहत की बात है, लेकिन इस तरह बाबा बर्फानी के श्रद्धालुओं को यात्रा छोड़कर घर लौटने की सलाह देने से सवाल उठेंगे कि अब तक इस बात पर माहौल गर्म था कि सरकार 25 हजार अतिरिक्त जवान कश्मीर भेज रही है. ऐसे में इस एडवाइजरी से ये सवाल उठेंगे कि क्या कश्मीर में सब कुछ ठीक है? क्या कश्मीर में कुछ बड़ा होने वाला है? क्या सरकार अमरनाथ यात्रा मार्ग को सुरक्षित बनाने में नाकाम रही?

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