प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के पानीपत में 900 करोड़ रुपये की लागत से बने दूसरी पीढ़ी (2जी) के एथनॉल संयंत्र का उद्घाटन किया और इसे राष्ट्र को समर्पित किया. पीएम मोदी ने बताया कि पानीपत के एथनॉल संयंत्र से किसानों को लाभ होगा और प्रदूषण में कमी आएगी. उन्होंने कहा कि पानीपत में 2जी इथेनॉल संयंत्र देश में जैव ईंधन के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने में मदद करेगा. पीएम ने देश की पिछली यूपीए की सरकार पर तंज कसा और कहा कि शॉर्ट-कट अपनाने से शॉर्ट-सर्किट अवश्य होता है.उन्होंने कहा कि जिन लोगों में राजनीतिक स्वार्थ के लिए शॉर्ट-कट अपनाकर, समस्याओं को टाल देने की प्रवृत्ति होती है, वो कभी समस्याओं का स्थाई समाधान नहीं कर सकते. शॉर्ट-कट अपनाने वालों को कुछ समय के लिए वाहवाही भले मिल जाए, राजनीतिक फायदा भले हो जाए, लेकिन समस्या कम नहीं होती. शॉर्ट-कट पर चलने के बजाय हमारी सरकार समस्याओं के स्थाई समाधान में जुटी है. पराली की दिक्कतों के बारे में भी बरसों से कितना कुछ कहा गया, लेकिन शॉर्ट-कट वाले इसका समाधान नहीं दे पाए.
पीएम ने कहा कि 2014 तक देश में सिर्फ 14 करोड़ के आसपास एलपीजी गैस कनेक्शन थे. देश की आधी आबादी को, माताओं-बहनों को रसोई के धुएं में छोड़ दिया गया था. बहनों-बेटियों के खराब स्वास्थ्य और असुविधा से जो नुकसान होता है, उसकी पहले परवाह ही नहीं की गई. मुझे खुशी है कि आज उज्जवला योजना से ही 9 करोड़ से ज्यादा गैस कनेक्शन गरीब बहनों को दिए जा चुके हैं. अब हम देश में करीब-करीब शत-प्रतिशत एलपीजी कवरेज तक पहुंच चुके हैं. 14 करोड़ से बढ़कर आज देश में करीब 31 करोड़ गैस कनेक्शन हैं. अगर उनकी राजनीति आत्मकेंद्रित है तो कोई भी आकर मुफ्त पेट्रोल-डीजल देने की घोषणा कर सकता है. इस तरह के कदम हमारे बच्चों से अधिकार छीन लेंगे और देश को आत्मनिर्भर बनने से रोकेंगे. इससे देश के करदाताओं पर बोझ बढ़ेगा.लेकिन, ये लोग इस बात से अनजान हैं कि वे कितना भी काला जादू करें और अंधविश्वासों में विश्वास करें, लोग कभी भी उन पर भरोसा नहीं करेंगे.निराशा और नकारात्मकता में डूबे कुछ लोग काला जादू का सहारा ले रहे हैं. हमने 5 अगस्त को देखा कि काला जादू फैलाने की कोशिश की जा रही थी. ये लोग सोचते हैं कि काले कपड़े पहनने से उनकी निराशा का दौर खत्म हो जाएगा.
अब पानीपत के जैविक ईंधन प्लांट से पराली का बिना जलाए भी निपटारा हो पाएगा और इसके एक नहीं, दो नहीं बल्कि कई फायदे एक साथ होंगे. पहला फायदा तो ये होगा कि पराली जलाने से धरती मां को जो पीड़ा होती थी, उस पीड़ा से धरती मां को मुक्ति मिलेगी.दूसरा फायदा ये होगा कि पराली काटने से लेकर उसके निस्तारण के लिए जो नई व्यवस्था बन रही है, नई मशीनें आ रही हैं, ट्रांसपोर्टेशन के लिए नई सुविधा बन रही है, जो ये नए जैविक ईंधन प्लांट लग रहे हैं, इन सबसे गांवों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रकृति की पूजा करने वाले हमारे देश में बायोफ्यूल या जैविक ईंधन, प्रकृति की रक्षा का ही एक पर्याय है. हमारे किसान भाई-बहन तो इसे और अच्छी तरह समझते हैं. हमारे लिए जैव ईंधन यानि हरियाली लाने वाला ईंधन, पर्यावरण बचाने वाला ईंधन.पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने से बीते 7-8 साल में देश के करीब 50 हजार करोड़ रुपये बाहर विदेश जाने से बचे हैं और करीब-करीब इतने ही हजार करोड़ रुपये इथेनॉल ब्लेडिंग की वजह से हमारे देश के किसानों के पास गए हैं.