PM नरेंद्र मोदी आज दोपहर दो बजे लगभग दो घंटे के लिए अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आएंगे। यहां वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के एंफीथिएटर ग्राउंड में एक महीने तक चलने वाले काशी-तमिल संगमम् का उद्घाटन करने के साथ ही काशी और तमिलनाडु के रिश्ते पर आधारित प्रदर्शनी का शुभारंभ करेंगे। इस दौरान वह तमिलनाडु के मठ-मंदिरों के 9 आधीनम (शैव महंत) को सम्मानित कर उनका आशीर्वाद लेंगे।तमिलनाडु से आए छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत कर तमिल में लिखी गई धार्मिक पुस्तक तिरुक्कुरल और काशी-तमिल संस्कृति पर आधारित किताबों का विमोचन करेंगे। एंफीथिएटर ग्राउंड में ही PM काशी के अलावा तमिलनाडु और देश के अलग-अलग हिस्सों से आए 10 हजार से ज्यादा लोगों के जनसमूह को संबोधित करेंगे। राजराजेश्वर शिव की नगरी में रामेश्वर की कला और संस्कृति को देखने के लिए PM नरेंद्र मोदी खासे उत्साहित हैं। शुक्रवार की रात उन्होंने ट्वीट किया कि वाराणसी में होने वाले काशी-तमिल संगमम् कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर बहुत उत्सुक हूं। यह एक ऐसा भव्य और ऐतिहासिक अवसर होगा, जिसमें भारत के सांस्कृतिक जुड़ाव और तमिल भाषा की सुंदरता का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।
प्रधानमंत्री वाराणसी इंटरनेशल एयरपोर्ट से सेना के हेलिकॉप्टर से BHU पहुंचेंगे। उनका स्वागत राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लल्लापुरा के मुमताज अली और सादाब आलम द्वारा जरदोजी पर तैयार किए गए अंगवस्त्र से करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री को सीएम योगी आदित्यनाथ गुलाबी मीनाकारी से तैयार मोमेंटो भी देंगे।यह मोमेंटो राज्य पुरस्कार प्राप्त अमरनाथ वर्मा और विशाल वर्मा ने तैयार किया है। एसपीजी के अभेद्य सुरक्षा घेरे में रहने वाले पीएम मोदी की सुरक्षा में एनएसजी कमांडो, एटीएस कमांडो, सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के अधिकारी और 10 हजार से ज्यादा पुलिस-पीएसी के जवान तैनात रहेंगे।
उत्तर और दक्षिण भारतीय संस्कृति को सहेजे हुए काशी-तमिल संगमम् की पहली ट्रेन 216 अतिथियों को लेकर शुक्रवार की रात लगभग 1 बजे बनारस स्टेशन पहुंची। अतिथियों के स्वागत के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बनारस स्टेशन पर मौजूद थे। ट्रेन से उतरते हुए अतिथियों का वणक्कम (स्वागत) काशी की परंपरा के अनुसार ढोल-नगाड़ों, मंत्रोच्चार और फूल-मालाओं के साथ हुआ। रामेश्वरम से चलकर बनारस पहुंची इस ट्रेन को 17 नवंबर को तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि और केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन द्वारा चेन्नाई एग्मोर स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था।
16 दिसंबर तक आयोजित होने वाले काशी-तमिल संगमम् के लिए BHU के एंफीथिएटर ग्राउंड में 75 स्टॉल लगाए गए हैं। यह स्टॉल कृषि, संस्कृति, साहित्य, संगीत, खानपान, हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट, लोक कला के माध्यम से दक्षिण और उत्तर भारत के बीच सेतु का काम करेंगे। इन उत्पादों में तमिलनाडु के जीआई और ओडीओपी उत्पाद भी शामिल हैं।
काशी-तमिल संगमम् में 12 अलग-अलग समूहों में लगभग 2500 से 3000 लोग तमिलनाडु से वाराणसी आएंगे। हर ग्रुप की यात्रा 8 दिन की होगी। प्रत्येक ग्रुप दो दिन वाराणसी में रहेगा। इस दौरान प्रत्येक ग्रुप का हनुमान घाट पर गंगा स्नान, महाकवि सुब्रमण्यय भारती के आवास पर जाना, काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन, सारनाथ आर्कियोलॉजिकल साइट एंड म्यूजियम, गंगा आरती और 84 घाटों का नाव से अवलोकन और शाम को बीएचयू में सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होना शामिल है। वाराणसी के बाद दो दिनों में प्रयागराज और अयोध्या की यात्रा भी प्रस्तावित है।
- छात्रों का दल – 19 व 20 नवंबर
- हस्तशिल्पियों का दल – 22 व 23 नवंबर
- साहित्यकारों का दल – 23 व 24 नवंबर
- अध्यात्म जगत से जुड़े लोगों का दल – 26 व 27 नवंबर
- व्यवसाय जगत से जुड़े लोगों का दल – 30 नवंबर व 1 दिसंबर
- शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों का दल – 2 व 3 दिसंबर,
- हेरिटेज से जुड़े लोगों का दल – 4 व 5 दिसंबर
- नवउद्यमियों का दल – 7 व 8 दिसंबर
- प्रोफेशनल्स का दल – 8 व 9 दिसंबर
- मंदिर के पुजारियों, महंतों और अर्चकों का दल – 10 व 11 दिसंबर
- ग्रामीण-कृषकों का दल – 13 व 14 दिसंबर
- संस्कृति कर्मियों का दल – 15 व 16 दिसंबर