मुंबई. कर्ज वसूली अधिकरण (डीआरटी) की पुणे बेंच ने शनिवार को भगोड़े नीरव मोदी और उसके पार्टनरों को घोटाले से जुड़े मामलों में पीएनबी और बैंकों के समूह को ब्याज समेत 7200 करोड़ रुपए चुकाने का आदेश दिया। पीएनबी ने रिकवरी के लिए पिछले साल जुलाई में डीआरटी से संपर्क किया था। घोटाले का मुख्य आरोपी नीरव (48 साल) फिलहाल लंदन की जेल में बंद है। भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है।
ट्रिब्यूनल में अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे दीपक ठक्कर ने घोटाले के दो मामलों में आदेश पारित किए। पहले आदेश में नीरव और उसके करीबियों को करीब 70 अरब 29 करोड़ और दूसरे आदेश में 2 अरब 32 करोड़ से ज्यादा रकम चुकाने का आदेश दिया गया है। डीआरटी के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रिब्यूनल रिकवरी टीम के साथ मिलकर इस पर आगे कार्रवाई करेगा।
पीएनबी और बैंकों के समूह ने आवेदन दिया था
पीएनबी ने जुलाई 2018 में नीरव और उसकी कंपनियों से 7,000 करोड़ रुपए वसूलने के लिए कानूनी लड़ाई शुरू की थी। यह रकम पीएनबी घोटाले मे ‘लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग्स (LoUs) के जरिए हासिल की गई थी। दूसरा आवेदन बैंकों के समूह की ओर से दायर किया गया। इसमें समूह ने 200 करोड़ रुपए की वसूली करने की बात कही थी। इसके बाद नीरव ने बैंक को लिखे एक पत्र में धोखाधड़ी की बात को साफ इनकार किया था।
नीरव पर लंदन कोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग केस चल रहा
नीरव मोदी को सेंट्रल लंदन में स्कॉटलैंड यार्ड के अधिकारियों ने 19 मार्च को गिरफ्तार किया था। वहां की अदालत में उस पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है। पीएनबी उसकी सभी संपत्तियां अटैच करने की तैयारी में है। इनमें नीरव की भारत में जमीन, मोटरबोट और दुबई स्थित प्रॉपर्टी के अलावा 125 आर्ट वर्क भी शामिल हैं। हालांकि, एक एजेंसी पहले कुछ पेंटिंग्स नीलाम कर चुकी है।