बिजली बोर्ड कर्मचारियों व इंजीनियरों के बाद अब बिजली बोर्ड के प्रदेशभर में विभिन्न विद्युत उपमंडलों, यूनिटों व पावर हाऊस व बोर्ड मुख्यालय में आऊटसोर्स पर सेवाएं दे रहे कर्मचारियों ने बोर्ड प्रबंधन व प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आऊटसोर्स कर्मचारियों में अभी हाल में बोर्ड में सेवाएं दे रहे 81 आऊटसोर्स चालकों को नौकरी से निकालने पर भारी रोष है, ऐसे में आऊटसोर्स कर्मचारियों ने चेताया और मांग की कि 11 दिसम्बर से पहले बोर्ड प्रबंधन व सरकार बोर्ड से निकाले गए 81 आऊटसोर्स चालकों की नौकरी को बहाल करें। यदि 11 दिसम्बर से पहले चालकों की नौकरी को बहाल नहीं किया जाता है तो प्रदेश भर में बिजली बोर्ड कार्यालयों में सेवाएं दे रहे 3045 आऊटसोर्स कर्मी 16 दिसम्बर को हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हो जाएंगे और बिजली बोर्ड मुख्यालय में प्रदर्शन करेंगे। वहीं इससे प्रदेशभर में बिजली बोर्ड में कार्य भी प्रभावित होगा।
सरकार व फ्रंट की बैठक में फैसले पर रिव्यू पर बनी थी सहमति
बिजली बोर्ड आऊटसोर्स राज्य कार्यकारिणी प्रदेशाध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि आऊटसोर्स कर्मचारियों ने बिजली बोर्ड ज्वाइंट फ्रंट के साथ 28 अक्तूबर को भी बोर्ड के इस फैसले का राज्य स्तर पर बहिष्कार किया था और साथ ही साथ 7 नवम्बर को भी कुल्लू में यह मांग उठाई थी कि आऊटसोर्स चालकों को तुरंत बहाल किया जाए। वहीं इसके बाद सरकार और बोर्ड मैनेजमैंट द्वारा ज्वाइंट फ्रंट की बैठक हुई थी। यह बैठक 18 नवम्बर को मैनेजमैंट के साथ और 22 नवम्बर को ज्वाइंट फ्रंट बोर्ड मैनेजमैंट और सरकार से बात हुई जहां पर रिव्यू करने पर सहमति बनी थी। लेकिन आज तक इस मीटिंग के बाद रिव्यू के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि आज एक माह बीत गया चालकों को वेतन नहीं मिला है, ऐसे में आऊटसोर्स कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने का निर्णय लेना पड़ रहा है। इसकी जिम्मेदारी सरकार व प्रबंधन की होगी।