अमृतसर . 13 अप्रैल 1919 के दिन आजादी की आधारशिला रखने वाले जलियांवाला बाग की पावन भूमि को शताब्दी वर्ष के संदर्भ में दिया जा रहा बेहतर स्वरूप विश्व स्तरीय होगा। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की निगरानी में 19.29 करोड़ रुपए खर्च कर बाग को विश्व स्तरीय स्वरूप दिया जाएगा। बाग के सुधार का काम दिसंबर तक मुकम्मल हो जाएगा। केंद्रीय पर्यटन एवं सास्कृतिक मंत्रालय ने प्रोजेक्ट का जिम्मा नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया है।
प्रोजेक्ट की क्वाॅलिटी को मेनटेन रखने अाैर पुरातत्विक एवं ऐतिहासिक महत्व को बरकरार रखने के लिए मॉनिटरिंग का जिम्मा आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को दिया गया है। राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) की ओर से शुरू किए गए जीर्णोद्धार का काम छह महीने में पूरा हो जाएगा। बाग में जिस ओर कार्य चलेगा, वह रास्ते व स्पॉट पर्यटकों के लिए बंद किए जाएंगे। बाग आम दिनों तरह ही पर्यटकों के लिए खुला रहेगा। केंद्र ने पूरे देश के 25 विरासती धरोहरों को संरक्षित करने की मंजूरी दी है।
गोलियों के निशान होंगे संरक्षित… बाग की जिन दीवारों पर गोलियों के निशान हैं उन्हें बेहतर तरीके से संरक्षित कर गोलियों के निशान आकर्षक रूप में सहेजे जाएंगे। बाग में म्यूजिकल फाउंटेन लगाया जाएगा।
4 गैलरियां व परगोला भी होंगे रेस्टोर… बाग में इसके पहले एक गैलरी थी अब चार को बनाया जा रहा है। परगोला, जहां पर टूरिस्ट बैठते हैं, को छेड़ा नहीं जाएगा लेकिन उसे रिपेयर किया जाएगा।