जयपुर. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ (अरिसदा) की ओर से जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित राजमेडिकॉन कांफ्रेंस में हैरान करने वाला वाक्या हुआ। यहां रविवार को मोटिवेशनल स्पीच थी, लेकिन स्वामी ज्ञानवत्सल बिना स्पीच दिए इस कारण यह कार्यक्रम छोड़कर चले गए। उन्होंने अनाउंस कराया था कि पहली तीन कतारों में महिलाएं नहीं बैठेंगी।
डॉक्टर्स बोलीं- अनाउंसमेंट होते ही सीटें खाली कर दी थीं
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. वर्षा सक्सेना और अरिसदा डॉ. रितु चौधरी ने कहा- हम आगे की लाइन में बैठे थे। शुरू की 3 लाइन में काफी महिलाएं थीं। मेल डॉक्टर्स भी थे। सभी ज्ञानवत्सल स्वामी की स्पीच का इंतजार कर रहे थे। तभी अनाउंस हुआ- पहली 7 लाइनों में कोई महिला नहीं बैठे। तुरंत ही दूसरा अनाउंस हुआ- 7 नहीं, पहली 3 लाइनों में महिलाएं नहीं बैठें।
उनका कहना है कि हमने पूछा- ऐसा क्यों? किसी ने बताया ये स्वामीजी का प्रोटोकॉल है। हमारे लिए बड़ी अजीब स्थिति हो गई। ऐसा कैसा प्रोटोकॉल, क्योंकि हम डॉक्टर्स (मेल-फीमेल) एक साथ बैठे थे और हमने तो आपस में कभी भेद किया ही नहीं, फिर क्यों हटें? स्वामी की स्पीच अच्छी होती है, इसलिए हमने तय किया कि आगे की लाइन खाली कर तीसरी लाइन में बैठ जाएंगी।
डाक्टर्स का कहना है कि थोड़ी ही देर में अनाउंस हुआ कि स्वामीजी स्पीच नहीं देंगे। हमें बहुत ही अजीब बात लगी कि स्वामी जी भेदभाव क्यों कर रहे हैं? हम डॉक्टर्स तो कभी मेल-फीमेल में भेदभाव नहीं करते। बच्चियों के लिए सरकारें, देश प्रयास कर रहा है और यहां ऐसा…।
महिलाओं को पीछे ही बैठाते हैं
ज्ञानवत्सल स्वामी से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हुए। हालांकि, उनके अनुयायियों ने बताया कि वे कार्यक्रम तभी करते हैं जब महिलाएं पीछे बैठी हों। वे इस बारे में आयोजकों को भी बता देते हैं।
अरिसदा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी का कहना है कि ज्ञानवत्सल स्वामी के जाने की वजह महिलाओं के बैठने को लेकर थी। हमारे लिए सभी सम्माननीय हैं।