राजस्थान : बाड़मेर: बेटे की चाहत में पांच बेटियाें के साथ कुएं में कूदी मां, सभी की मौत

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बाड़मेर/चाैहटन. बाड़मेर जिले की चौहटन तहसील में बेटे की चाहत में एक मां ने पांच बेटियों के साथ टांके (कुएं) में कूदकर आत्महत्या कर ली। इससे सभी 6 जनों की मौत हो गई। घटना बुधवार शाम चौहटन थाने के बावड़ी कला गांव की है।

पुलिस के अनुसार राणाराम जाट निवासी बावड़ी कल्ला पास के ही स्कूल में थर्ड ग्रेड शिक्षक हैं। 20 साल पहले उनकी वनू देवी (38) से शादी हुई। दोनों की पांच बेटियां संतोष (13), ममता (11), मैना (9), हंसा (5) व हेमलता (3) हुई। बेटा नहीं होने के कारण वनू अक्सर परेशान रहती थी। बुधवार को जब राणाराम ड्यूटी पर गए थे, तो वनू ने पहले पांचों बेटियां को टांके में डाल दिया। इसके बाद खुद भी टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को बाहर निकाला।

पढ़ने में होशियार थी बेटियां

बेटा नहीं होने से खिन्न महिला ने पांच बेटियों को मौत के घाट तो सुला दिया लेकिन यह नहीं सोचा कि बेटियां भी पढ़लिख कर माता-पिता का नाम रोशन कर सकती हैं। सबसे मार्मिक पहलू यह है कि इस घटना में मौत का शिकार बनी बेटियां पढ़ने में अच्छी थीं। सबसे बड़ी बेटी संतोष तो अपने स्कूल की टॉपर थी। तेरह वर्षीय संतोष मदर टरेसा स्कूल चौहटन में पढ़ती थी। 8वीं क्लास में करबी 98 प्रतिशत अंक हासिल करने के साथ स्कूल की टॉपर रही थी। वहीं अब 9वीं में एडमिशन ले रखा था। इसी तरह 11 वर्षीय ममता 8वीं, 9 वर्षीय मैना छठी, 6 वर्षीय हंसा तीसरी कक्षा में पढ़ती थी।

चाराें टैलेंटेड थीं : स्कूल प्रबंधक
मदर टेरेसा स्कूल के प्रबंधक ताेगाराम चौधरी ने बताया किराणाराम की चाराें बेटियां मेरी स्कूल में पढ़ती है। चाराें बहुत टैलेंटेड थी। 8वीं बोर्ड में संतोष हमारी स्कूल की टॉपर रही है। ए प्लस यानि 90 फीसदी से ज्यादा अंक आए है। छुटिट्यों में इन बेटियों के पिता राणाराम स्कूल आए थे और बच्चों की फीस जमा करवा कर गए थे। 24 जून को सत्र शुरू हुआ, लेकिन चारों बेटियां दो दिनों से स्कूल नहीं आ रही थी।

एसपी बोलीं- आखिर कोई मां ऐसा कैसे कर सकती है

इस घटना का कारण भले ही कुछ भी रहा हो, लेकिन इस घटना से हर कोई आहत है। बाड़मेर एसपी राशि डोगरा डूडी इस घटना से स्तब्ध हैं।  उन्होंने कहा कि मैं भी एक मां हूं, मौके पर पहुंच घटना को देखा तो स्तब्ध रह गई कि आखिर एक मां ने अपनी ही पांच बेटियों को मारने की हिम्मत कैसे जुटाई होगी? ऐसी घटनाएं बेहद चिंतनीय है, हमें इसे रोकना होगा।

आत्महत्या समाधान नहीं, परेशानी अपनों के साथ शेयर करें
मैं तो यही अपील करना चाहूंगी कि किसी भी परेशानी में है तो आत्महत्या समाधान नहीं है। परेशानी अपनों के साथ शेयर करें, समाधान जरूर होगा। अगर घर के लोग नहीं सुनते तो पड़ोसियों और अन्य लोगों के साथ भी शेयर करें ताकि समाधान निकल आए। ऐसे मामलों में जागरूकता के लिए कैंपेन चलाना होगा।

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