नई दिल्ली. गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में दो बिल पेश किए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि 6 माह बढ़ाए जाने और आरक्षण संशोधन विधेयक सदन में रखा। इस बीच ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने दोनों विधेयकों को समर्थन देने का ऐलान किया।
जम्मू में जून 2018 के बाद 6 महीने राज्यपाल शासन था। 21 नवंबर को राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दी थी। 20 दिसंबर से राष्ट्रपति शासन लागू है। 2 जुलाई को राष्ट्रपति शासन की अवधि खत्म हो रही है।
साल के अंत में चुनाव होंगे: शाह
दोनों बिल लोकसभा में पास हो गए हैं। लोकसभा में राष्ट्रपति शासन बढ़ाए जाने से संबंधित प्रस्ताव पेश करते हुए शाह ने कहा था- रमजान, अमरनाथ यात्रा को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने बाद में चुनाव कराने का सुझाव दिया। इस साल के अंत तक वहां चुनाव कराए जाएंगे।
आरक्षण अधिनियम 2004 में संशोधन: रेड्डी
पिछले दिनों केंद्रीय राज्य गृहमंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक पेश किया था। इसके जरिए आरक्षण अधिनियम 2004 में संशोधन किया जाएगा। बिल पास होने से अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास रहने वाले लोगों को भी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
संशोधन के मुताबिक, एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले व्यक्ति अगर सुरक्षा कारणों से वहां से चले गए हों, तो उन्हें भी आरक्षण का फायदा मिल सकेगा।