न्यूयॉर्क. रोबोट इंसान का काम बेहतर तरीके से कर रहे हैं। यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी बात है लेकिन इसके खतरे भी हैं। रोबोट्स की वजह से 2030 तक दुनियाभर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के 2 करोड़ लोगों की नौकरी जाने का अनुमान है। यानी मैन्युफैक्चरिंग में 8.5% कर्मचारियों की जगह रोबोट ले सकते हैं। ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने बुधवार को जारी रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है। ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स पूर्वानुमान और विश्लेषण जारी करने वाली अंतरराष्ट्रीय फर्म है।
2011 से 2016 के बीच रोबोट 11% सस्ते हुए
- रिपोर्ट के मुताबिक मशीनों के रेट घटने की वजह से रोबोट बहुत से कर्मचारियों के मुकाबले सस्ते हो गए हैं। 2011 से 2016 के बीच एक रोबोट की औसत कीमत में 11% कमी आई। रोबोट अलग-अलग परिस्थितियों में ज्यादा बेहतर तरीके से काम करने में भी सक्षम हैं। दूसरी ओर मशीन निर्मित सामान की मांग भी बढ़ रही है।
- ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के मुताबिक ऑटोमेशन में ग्रोथ के मामले में चीन में बड़े अवसर हैं। ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग में अग्रणी बनने के लिए चीन रोबोट्स में निवेश कर रहा है। 2030 तक चीन के उद्योगों में रोबोट्स की संख्या 1.4 करोड़ पहुंच सकती है। यह दुनिया के बाकी देशों की इंडस्ट्रीज में रोबोट्स की संख्या के मुकाबले काफी ज्यादा होगी।
- ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स का अनुमान है कि 2030 तक रोबोट्स इंस्टॉलेशन में 30% बढ़ोतरी से दुनिया की जीडीपी में 5.3% (4.9 ट्रिलियन डॉलर) का इजाफा होगा। यह 2030 में जर्मनी की अनुमानित जीडीपी से भी ज्यादा है।