रोपड़. रोपड़ पुलिस ने घनाैली रेलवे स्टेशान से गैंगस्टर यादविंदर सिंह यादी को अरेस्ट किया है। यादी गैगस्टर रिंदा और दिलप्रीत बाबा का साथी है। यादी पर कत्ल, लूटपाट और फिरौती के 6 केस दर्ज हैं। एसएसपी स्वप्न शर्मा ने बताया कि रोपड़ सीआईए-1 के इंचार्ज इंस्पेक्टर दीपइंद्र सिंह की टीम ने यादी के पास से एक .315 बोर, .12 बोर और एक .32 बोर की देसी रिवॉल्वर बरामद की है। पुलिस ने थाना सदर में आरोपी के खिलाफ एफआईआर नंबर 64 में आर्म्ज एक्ट का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि किसी वारदात काे अंजाम देने के लिए यूपी से हथियार लेकर अाया था। सूचना मिली थी कि आरोपी हथियारों के साथ स्टेशन के आसपास देखा गया है। इसके बाद उसे टीम ने अरेस्ट कर लिया। आरोपी को मंगलवार को अदालत में पेश करके उसका पुलिस रिमांड लिया जाएगा।
बद्दी, नालागढ़ में फिरौती के लिए सरगर्म रहता था
एसएसपी स्वप्न शर्मा ने बताया कि आरोपी यादविंदर अभी 22 साल का है। यह आनंदपुर साहिब के गांव झंजड़ी का रहने वाला है। जांच में यह सामने आया कि मोगा के लक्की और सुखप्रीत बुड्डा ने यादविंदर को यूपी से जब्त हथियारों की व्यवस्था करने में सहायता की थी। यादविंदर अपने साथियों के साथ बद्दी, नालागढ़ के औद्योगिक क्षेत्र में फिरौती रैकेट चलाने में सरगर्म है। हमेशा इनके निशाने पर शराब के ठेकेदार, टोल प्लाजा और मैटल कवाड़िए रहते थे। यादविंदर ने गैंगस्टर रिंदा के कहने पर अमृतसर से अंबाला तक नशीले पदार्थ लाने को कोरियर का काम करता था।
भरतगढ़ में ढाबे पर चाय पीते समय िववेक पंडित को मारी थीं गोलियां :
11 नवंबर 2016 की दोपहर को भरतगढ़ के सोनू ढाबे पर अचानक गोलियां चल गई थीं। इसमें एक गैंग के दो लोग जख्मी हो गए। इनकी पहचान विवेक शर्मा पुत्र पवन कुमार निवासी टिब्बा टप्परियां, लखन पुत्र कसतूरी लाल निवासी बड़ा पिंड के रूप में हुई थी। दोनों जख्मियों की हालत नाजुक होने के कारण उन्हें पीजीआई रेफर कर दिया था। जहां पर विवेक की मौत हो गई थी। ये हमला उस समय हुआ जब विवेक और लखन अपने अन्य चार साथियों के साथ सोनू ढाबे पर चाय पीने के लिए रुके थे।
सफेद रंग की आई ट्वेंटी कार पर आए दिलप्रीत, हरिंदर सिंह, हरजिंदर सिंह संधू, यादविंदर सिंह यादी ने उनपर फायरिंग की। हमले में विवेक और लखन बुरी तरह घायल हो गए। दिलप्रीत ने विवेक शर्मा के घुटनों पर गोली रखकर दोनों घुटनों पर गोली मारी। विवेक और लखन दोनों पिंदरी गैंग से संबंधित थे। यह हमला उस समय हुआ था जब विवेक पंडित और लखन आनंदपुर साहिब से पेशी भुगतकर लौट रहे थे। भरतगढ़ के पास सोनू ढाबे पर चाय पीने रुके और दिलप्रीत गैंग के 3 साथी गोलियां मार फरार हो गए थे।