जुलाई में थोक महंगाई दर में नरमी; खाने-पीने के सामान हुए सस्ते

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खाने-पीने के सामान के दाम में नरमी से लगातार दूसरे महीने जुलाई में थोक महंगाई दर में गिरावट देखने को मिली। पिछले महीने WPI Inflation 11.16 फीसद पर रहा। नरमी के बावजूद मुख्य रूप से लो बेस इफेक्ट की वजह से थोक मुद्रास्फीति लगातार तीसरे महीने जुलाई में दोहरे अंक में रही। हालांकि, जुलाई महीने में विनिर्मित वस्तुओं और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी देखने को मिली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि ‘मुख्य रूप से लो बेस इफेक्ट और क्रूड पेट्रोलियम और नेचुरल गैस के दाम में उछाल से जुलाई 2021 में महंगाई दर अधिक रही।’

खाने-पीने के सामान के दाम में नरमी से लगातार दूसरे महीने जुलाई में थोक महंगाई दर में गिरावट देखने को मिली। पिछले महीने WPI Inflation 11.16 फीसद पर रहा। लो बेस इफेक्ट की वजह से थोक मुद्रास्फीति लगातार तीसरे महीने जुलाई में दोहरे अंक में रही।

मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ”लो बेस इफेक्ट और पिछले साल जुलाई के मुकाबले क्रूड पेट्रोलियम और नेचुरल गैस, मिनरल ऑयल, बेसिक मेटल जैसे मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स, फूड प्रोडक्ट्स, टेक्सटाइल, केमिकल्स और केमिकल प्रोडक्ट्स इत्यादि के दाम में तेजी से जुलाई 2021 में महंगाई दर ऊंची रही।”

खाद्य वस्तुओं की कीमतों में लगातार तीसरे महीने नरमी देखने को मिली। जुलाई में प्याज के भाव में तेजी के बावजूद खाने-पीने के सामान की थोक कीमतों में किसी तरह की वृद्धि नहीं हुई। जून में खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई दर 3.09 फीसद पर रही थी। वहीं, पिछले महीने प्याज के थोक भाव में 72.01 फीसद का उछाल देखने को मिला।

क्रूड पेट्रोलियम और नेचुरल गैस की महंगाई दर जुलाई में 40.28 फीसद पर रही, जो जून में 36.34 फीसद पर रही थी।

अगर मैन्यूफैक्चरर्ड प्रोडक्ट्स की बात की जाए तो इस श्रेणी में जुलाई में महंगाई दर 11.20 फीसद पर रही जो जून में 10.88 फीसद पर रही थी।

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