लोहरदगा. लोहरदगा और गुमला सीमाक्षेत्र में सेरेंगदाग के जंगल में तीन नक्सली समर्थकों को 118 जिंदा कारतूस और नक्सली पोस्टर-बैनर के साथ गिरफ्तार किया गया है। इस संबंध में लोहरदगा एसपी प्रियदर्शी आलोक ने सोमवार को प्रेसवार्ता कर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान में गुमला और लोहरदगा की पुलिस के साथ सीआरपीएफ और झारखंड जगुआर की टीम शामिल थी।
जंगल में नक्सली कमांडर रवींद्र गंझू के होने की मिली थी खबर
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि प्रतिबंधित भाकपा माओवादी उग्रवादी संगठन का जोनल कमांडर रवींद्र गंझू अपने हथियारबंद दस्ता के साथ लोहरदगा तथा गुमला जिले के सीमावर्ती सेरेंगदाग के जंगल में आकर ठहरा हुआ है। वे सभी किसी बड़े नक्सली घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। सूचना के बाद गुमला पुलिस के सहयोग से एक संयुक्त विशेष छापेमारी अभियान चलाने के लिए दोनों जिलों के चार छापेमारी दल का गठन किया गया। दल को सेरेंगदाग के जंगल में रविवार की सुबह भेजा गया।
टीम ने हथियार के सप्लायर को पकड़ा
टीम ने सोमवार सुबह गुनी गांव के पास प्रतिबंधित हथियार एसएलआर तथा 30.06 राइफल की गोली पहुंचाने वाले अशोक भगत को पकड़ा। अशोक के पास 53 कारतूस तथा कई पोस्टर-बैनर बरामद किया गया जो नक्सली कमांडर रवींद्र गंझू को पहुंचाने जा रहा था। अशोक के निशानदेही पर सोमवार की शाम को ही दो अन्य भाकपा माओवादी समर्थक प्रताप भगत तथा शकील अंसारी को प्रतिबंधित हथियार एके-47, एसएलआर, 30.06 राइफल की गोली के साथ गिरफ्तार किया गया। ये हथियार भी उग्रवादियों को पहुंचाने जा रहे थे। इसके बाद तीनों उग्रवादी समर्थकों को पुलिस लेकर रवींद्र गंझू की तलाश में पूरे जंगल में सघन चेकिंग अभियान चलाया। लेकिन पुलिस की खबर सुनकर रवींद्र गंझू अपने दस्ते के
साथ भाग निकला।
इन्हें किया गया गिरफ्तार
- अशोक भगत, निवासी- गुनी, सेरेंगदाग।
- प्रताप भगत, निवासी- चपाल, सेरेंगदाग।
- शकील अंसारी, निवासी- जुरीया बड़का टोली, लोहरदगा।
बरामद हथियार व कारतूसों की सूची
- अशोक भगत के पास से कुल 53 कारतूस जो एसएलआर तथा 30.06 राइफल के हैं तथा एम्युनिशन पाउच तथा बैनर पोस्टर बरामद किया गया।
- प्रताप भगत के पास से 30 कारतूस बरामद किया गया जो एके-47 तथा 30.06 राइफल के हैं।
- शकील अंसारी के पास से 35 कारतूस जो एसएलआर तथा अन्य राइफल की गोली है।
जवाहर नवोदय विद्यालय का छात्र रह चुका है अशोक भगत
एसपी ने बताया कि अशोक भगत जवाहर नवोदय विद्यालय का छात्र रह चुका है। वहीं उसकी मां कलावती उरांव सात सदसीय महिला मंडल के सहयोग से पीडीएस संचालन करती हैं। यहीं से अशोक उग्रवादी संगठन को राशन-पानी पहुंचाया करता था। प्रताप भगत संत जेवियर का छात्र रह चुका है। वह जेपीएससी का तैयारी करता था। वहीं शकील अंसारी बाहर से हथियार लाकर दोनों भगत के सहयोग से उग्रवादी संगठन तक पहुंचाने का कार्य करता था। शकील अंसारी आर्म्स एक्ट के तहत पूर्व में एक बार जेल जा चुका है। एसपी ने कहा कि झारखंड पुलिस द्वारा नक्सलियों के सफाया के लिए लगातार छापामारी अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एसपी के अलावे सीआरपीएफ 158 बटालियन के कमांडेंट प्रभात कुमार सेंधवार, उप कमांडेंट आरबी फिलिप, राजेश चौहान सहित अन्य मौजूद थे।
छापामारी दल में ये थे शामिल
छापामारी दल में किस्को थाना प्रभारी जगलाल मुंडा, सेरेंगदाग थाना प्रभारी रामरेखा सिंह, एजी 26 के कमांडर प्रताप सुरीन, एजी 6 के कमांडर विभास तिर्की, सीआरपीएफ 158 सी बटालियन के कमांडर मो खुर्शीद, सीआरपीएफ 158 ई बटालियन के कमांडर उदय कुमार, एसएटी 192 के कमांडर नेलशन मिंज, एसएटी 4 के कमांडर दिनेश उरांव सहित झारखंड जगुआर, सीआरपीएफ, सैट तथा जिला बले के पदाधिकारी व सशस्त्र बल के जवान शामिल थे।