नई दिल्ली . आधार एवं अन्य कानून (संशोधन) अध्यादेश-2019 के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूअाईडीएअाई) से जवाब मांगा है। जस्टिस एसए बोबडे अाैर बीअार गवई की पीठ ने आधार (आधार सत्यापन सेवाओं का मूल्य) नियमन-2019 को दी गई चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की।
इस जनहित याचिका को रिटायर्ड सेना अधिकारी एसजी वाेम्बात्केरे ने दायर किया है। आरोप लगाया गया है कि आधार अध्यादेश से संविधान में िदए गए मूल अधिकारों का हनन होता है। इस अध्यादेश के माध्यम से आधार की व्यवस्था तक निजी पक्षकारों को पिछले दरवाजे से पहुंचने की अनुमति दी गई है। इस तरह से राज्य, निजी पक्षकार नागरिकों की निगरानी कर सकते हैं। बता दें कि संविधान पीठ ने पिछले साल सितंबर में अाधार याेजना काे संवैधानिक रूप से वैध करार बताया था, लेकिन इसके कई प्रावधानाें काे खत्म करने का अादेश दिया था, जिसमें अाधार काे बैंक खाताें, माेबाइल नंबर अाैर स्कूल में प्रवेश से लिंक करने काे अनिवार्य किया गया था।