आतंकवाद : डी-कंपनी के सहयोगी को यूएस को नहीं सौंपना चाहता पाक, दाऊद और आईएसआई कनेक्शन उजागर होने का डर

0
128

लंदन/इस्लामाबाद. पाकिस्तान के राजनयिक पुरजोर कोशिश कर रहे हैं कि डी-कंपनी के सहयोगी जाबिर मोतीवाला का अमेरिका को प्रत्यर्पण रोका जा सके। अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई के इनपुट्स पर मोतीवाला को 2018 में लंदन में गिरफ्तार किया था। इसके बाद एफबीआई ने वहां की वेस्टमिन्स्टर कोर्ट में मोतीवाला के प्रत्यर्पण की अपील की थी। भारतीय एजेंसियों के करीबी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि पाकिस्तान नहीं चाहता कि मोतीवाला अमेरिका को सौंपा जाए, क्योंकि उसे दाऊद और पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई के रिश्तों के उजागर होने का खतरा है।

अमेरिका दाउद इब्राहिम को वैश्विक आतंकी घोषित कर चुका: रिपोर्ट

  1. लंदन की वेस्टमिन्स्टर कोर्ट में सोमवार को मोतीवाला के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई हुई। इस मौके पर डी-कंपनी के वकील ने अदालत से कहा कि मोतीवाला गहरे अवसाद से गुजर रहा है।
  2. वकील ने कहा कि मोतीवाला मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग तस्करी और अंडरवर्ल्ड अपराधों से जुड़े मामलों का सामना करने के लिए हवाई यात्रा कर अमेरिका नहीं जा सकता।
  3. मोतीवाला डी-कंपनी के सरगना दाऊद इब्राहिम का बेहद करीबी है। भारतीय एजेंसियों के मुताबिक, लंदन स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग ने पहले भी मोतीवाला का प्रत्यर्पण रोकने की कोशिश की थी।
  4. उच्चायोग ने मोतीवाला के वकील की तरफ से कोर्ट में एक पत्र भेजा था। इसमें प्रत्यर्पण को रोकने के लिए मोतीवाला को पाकिस्तान का प्रतिष्ठित व्यवसायी बताया गया था।
  5. एजेंसियों के मुताबिक, पाकिस्तान को डर है कि मोतीवाला के अमेरिका प्रत्यर्पण के बाद दाऊद के पूरे अंडरवर्ल्ड नेटवर्क और उसके आईएसआई के साथ रिश्ते उजागर हो जाएंगे।
  6. अमेरिका पहले ही दाउद इब्राहिम को अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों को मदद पहुंचाने के आरोप में वैश्विक आतंकवादी का दर्जा दे चुका है।
  7. एजेंसियों के मुताबिक, मोतीवाला दाऊद का अहम वित्तीय मददगार है। स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया था। जहां वह मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा ड्रग तस्करी द्वारा डी-कंपनी के लिए कमाई करने के मामलों का सामना कर रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here