अहमदाबाद. 5 जुलाई को कांग्रेस के विधायक पद से इस्तीफा देने वाले अल्पेश ठाकोर और उसके साथ धवलसिंह झाला के राजनीतिक भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है। कई नाटकबाजी कर आखिर दोनों ने कांग्रेस से इस्तीफा तो दे दिया, पर अभी तक उनकी भाजपा में एंट्री नहीं हो पाई है। दोनों के भाजपा प्रवेश पर पार्टी में ही विरोध हो रहा है।
काम न आया, अल्पेश का दामन पकड़ना
लोकसभा चुनाव के समय से ही कांग्रेस से नाराज अल्पेश ठाकोर के भाजपा में शामिल होने की बात चल रही थी। पर पार्टी में ही उनका विराेध हो रहा है। इसलिए इस्तीफे के 4 दिन बाद भी भाजपा में उनकी एंट्री नहीं हो पाई है। अल्पेश तो ठीक पर उनका दामन थामने वाले कांग्रेस विधायक धवल सिंह झाला का भविष्य भी खतरे में पड़ गया है। उनकी स्थिति न घर के न घाट के जैसी हो गई है।
कांग्रेस के अन्य विधायक भाजपा में नहीं जाना चाहते
काफी समय से यह चर्चा चल रही है कि अल्पेश ठाकोर भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। उन्हें मंत्री पद दिया जाएगा। अल्पेश ठाकोर को मंत्री बनाने के पीछे भाजपा की भी सौदेबाजी होने की खबर मिली। जिसमें यह शर्त थी कि अल्पेश अपने साथ यदि 5 विधायकों को लाएं, तो ही उन्हें मंत्री पद दिया जाएगा। पर वे अपने साथ केवल एक विधायक ही ला पाए। शेष विधायक कांग्रेस छोड़ना नहीं चाहते। इसलिए उनकी भाजपा में एंट्री ही नहीं हो पाई।
धवल सिंह को टिकट मिलेगा, इस पर भी सवाल
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के मामले में अवैध बताने की दहशत के बीच अल्पेश ने मतदान किया। इसके तुरंत बाद उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इस कारण उनका दामन थामने वाले धवल सिंह झाला ने भी इस्तीफा दे दिया। अब दोनों ही भाजपा के दर पर बैठे एंट्री की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अब तो इन्हें फिर से विधायक का चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिलेगा या नहीं, इस पर भी संशय है।