- PM मोदी की पॉकेट पर बच्ची ने लगाया फ्लैग
- इसलिए खास है सशस्त्र सेना झंडा दिवस
देशभर में सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जा रहा है. इस दिन को मनाने की शुरुआत 7 दिसंबर 1949 से हुई थी, ये दिन देश की सेना के प्रति सम्मान प्रकट करने के दिन के रूप में मनाया जाता है. ये उन जांबाज सैनिकों के प्रति एकजुटता दिखाने का दिन है जो देश की तरफ आंख उठाकर देखने वालों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. 1949 से ये दिवस भारतीय सेना द्वारा हर साल मनाया जाता है.
सशस्त्र सेना झंडा दिवस के मौके पर एक छोटी सी बच्ची ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पॉकेट पर एक झंडा लगाया. इसी के साथ मोदी ने इस दिन की शुभकामनाएं देते हुए कहा हम अपनी फोर्स और उनके परिवारों के अदम्य साहस को सलाम करते हैं
A little girl pinning flag on PM Narendra Modi on the occasion of Armed Forces Flag Day. (Source: PIB) pic.twitter.com/EckxOro1hr
— ANI (@ANI) December 7, 2019
जानिए क्यों मनाया जाता है ये दिन
सशस्त्र झंडा दिवस देश की सुरक्षा में शहीद हुए सैनिकों के परिवार के लोगों के कल्याण के लिए मनाया जाता है. इस दिन झंडे की खरीद से जमा हुए पैसे को शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण में खर्च किया जाता है.
ऐसे मिला ‘सशस्त्र’ नाम
जब देश आजाद हुआ तो सरकार को महसूस हुई कि सैनिकों के परिवार वालों की जरूरतों का ख्याल रखने की आवश्यकता है, इसलिए 7 दिसंबर, 1949 को झंडा दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया.
शुरुआत में इस दिन को झंडा दिवस के रूप में मनाया जाता था, लेकिन साल 1993 में इस दिन को ‘सशस्त्र सेना झंडा दिवस’ का नाम दे दिया गया. इसके बाद से ये दिन सशस्त्र सेना द्वारा मनाया जाने लगा. सशस्त्र झंडा दिवस के जरिए जमा हुई राशि युद्ध वीरांगनाओं, सैनिकों की विधवाओं, दिव्यांग सैनिकों और उनके परिवार वालों के कल्याण पर खर्च की जाती है.