क्रिकेट वर्ल्ड कप-2019 आखिरी दौर में पहुंच चुका है। सेमीफाइनल की चार टीमें तय हो चुकी हैं। वर्ल्ड कप में अब तक का सबसे निराशाजनक प्रदर्शन रहा है दक्षिण अफ्रीका का। टीम ने पिछले एक साल में एक भी वनडे सीरीज नहीं गंवाई थी। उसने वर्ल्ड कप के पहले 76% मैच जीते थे। उम्मीद थी कि फाफ डू प्लेसिस की टीम इस बार चोकर्स का ठप्पा हटाकर जबरदस्त प्रदर्शन करेगी। लेकिन वही ढाक के तीन पात..दक्षिण अफ्रीका नौ में से पांच मैच हारकर लीग राउंड में ही बाहर हो गई।
दरअसल बड़े टूर्नामेंट में अफ्रीका की लगातार नाकामी वहां के क्रिकेट सिस्टम की नाकामी है, जो लगातार फेल हो रहा है। पूरे क्रिकेट सिस्टम के इस तरह बैठ जाने की बड़ी वजह है-कोल्पाक डील। कोल्पाक डील 2004 में हुई थी। ये दुनिया के 100 देशों के खिलाड़ियों को यूरोपियन यूनियन (ईयू) के किसी भी देश में जाकर खेलने की इजाजत देती है। कोल्पाक डील साइन करने की आसान सी शर्तें हैं- खिलाड़ी की उम्र 18 साल से ज्यादा हो और उसने इंटरनेशनल लेवल पर क्रिकेट खेला हो।
कोल्पाक के फायदों में ब्रिटेन की बेहतर लाइफस्टाइल प्रमुख
खेल को नस्लीय रूप से न्यूट्रल बनाने के लिए अफ्रीकी देशों के खिलाड़ियों को कोल्पाक के तहत काउंटी खेलने के लिए बढ़ावा भी दिया जाता है। इसी वजह से अफ्रीकी खिलाड़ियों में कम उम्र में ही अपने देश के क्रिकेट से संन्यास लेकर, कोल्पाक साइन कर फिर काउंटी खेलते रहने का ट्रेंड बढ़ा है। ब्रेग्जिट के बाद इसमें और जोर आया। कोल्पाक के फायदों में ब्रिटेन की बेहतर लाइफस्टाइल, काउंटी का सालाना कॉन्ट्रैक्ट, प्रदर्शन का कम दबाव और फाइनेंशियल सिक्योरिटी तो शामिल है ही, साथ ही कोल्पाक डील के तहत काउंटी खेलने वालों को वहां डोमेस्टिक प्लेयर का दर्जा भी मिलता है।
15 साल में दक्षिण अफ्रीका के 44 खिलाड़ी कोल्पाक साइन कर चुके
15 साल में द. अफ्रीका के 44 खिलाड़ी कोल्पाक साइन कर चुके हैं। 2010 से 2016 तक छह अफ्रीकी खिलाड़ियों ने कोल्पाक साइन की, जबकि 2016 से अब तक तीन साल में 12 खिलाड़ी कोल्पाक साइन कर चुके हैं। हाल ही में द. अफ्रीका के दिग्गज बल्लेबाज एबी डीविलियर्स ने जब करिअर के शीर्ष पर रहते हुए अचानक संन्यास ले लिया तब भी यही कयास लगाए गए कि वे अब कोल्पाक साइन कर सकते हैं। हालांकि अभी उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है। अफ्रीका के कुछ ऐसे नाम, जिन्होंने अपने करिअर के शीर्ष पर रहते हुए देश का क्रिकेट छोड़ कोल्पाक साइन किया।
खिलाड़ी | डील करने की उम्र | खिलाड़ियों की भागीदारी |
वेन पार्नेल | 29 | वर्ल्ड टी-20 2009 में थे |
मार्ने मॉर्केल | 34 | टेस्ट में 300 विकेट |
रिले रॉसो | 29 | वर्ल्ड कप 2015 में थे |
काइल एबॉट | 30 | वर्ल्ड कप 2015 में थे |
आंद्रे नेल | 31 | टेस्ट-वनडे में 100 विकेट |