इंटरनेशनल ज्यूडिशियल कॉन्फ्रेंस : मोदी बोले- आज डेटा प्रोटेक्शन और साइबर क्राइम चुनौती, तकनीक कोर्ट के कामकाज में तेजी लाएगी

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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन (आईजेसी) की शुरुआत की। मोदी ने कहा कि देश महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है। जब उन्होंने अपने जीवन का पहला मुकदमा लड़ा तो उनसे कहा गया था कि इसके लिए कमीशन देना पड़ेगा, उन्होंने कह दिया था कि केस मिले न मिले कमीशन नहीं दूंगा। भारतीय समाज में रूल ऑफ लॉ सामाजिक संस्कार है। गांधीजी को संस्कार परिवार मिले थे।

मोदी ने यह भी कहा, ‘‘हर भारतीय की न्यायिक व्यवस्था पर आस्था है। पिछले दिनों कई बड़े फैसले लिए गए। इन्हें लेकर कई आशंकाएं जाहिर की जा रही थी। लेकिन 130 करोड़ देशवासियों ने सहर्ष स्वीकार किया। यही हमारी न्याय प्रणाली की ताकत है।’’ सुप्रीम कोर्ट परिसर में हो रहे सम्मेलन में 20 देशों के जज शामिल हो रहे हैं

‘समाज को मजबूती देने वाले कानून बनाए’
मोदी के मुताबिक, ‘‘पिछले दिनों हमारे संविधान के 70 साल पूरे हुए। इसकी स्प्रिट को सुप्रीम कोर्ट ने जीवंत रखा है। कई बार कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका से समस्याओं का उचित रास्ता ढूंढा गया है। देश में पुराने 1500 ऐसे कानूनों को खत्म किया गया, जिनकी प्रासंगिकता खत्म हो गई थी। समाज को मजबूती देने वाले तीन तलाक जैसे नए कानून भी उतनी ही तेजी से बनाए गए।’’

‘परिवर्तन के दौर में नई परिभाषाएं गढ़ रहे’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारा संविधान समानता के अधिकार के तहत लैंगिक समानता को मजबूती देता है। पहली बार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के तहत शैक्षणिक संस्थानों में बेटियों की संख्या बेटों से ज्यादा हो गई है। सेनाओं में भी लड़कियों को समानता दी जा रही है। परिवर्तन के दौर में हम नई परिभाषाएं गढ़ रहे हैं। हमने इस अवधारणा को बदला है कि तेजी से विकास नहीं हो सकता है। 5 साल पहले भारत विश्व की 11वीं बड़ी अर्थव्यवस्था था, अब हम विश्व की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हमने दुनिया को बताया है कि कैसे पर्यावरण की चिंता करते हुए विकास हो। सुप्रीम कोर्ट ने भी पर्यवारण से जुड़े मामलों पर अहम फैसले दिए।’’

‘तकनीक से न्यायिक काम में तेजी आएगी’
मोदी ने कहा कि तकनीक अदालतों के कामकाज में तेजी ला रही है। आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस से कोर्ट की कार्यप्रणाली आसान होगी। इसके अलावा डेटा प्रोटेक्शन और साइबर क्राइम जैसे विषय कोर्ट के सामने चुनौती बनकर उभर रहे हैं। इस कॉन्फ्रेंस में ऐसे कई विषयों पर मंथन होगा और नए समाधान निकलकर सामने आएंगे।

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