नगर निगम जालंधर ने पिछले 8-10 सालों दौरान सुपर सक्शन मशीनों से सीवर लाइनों की सफाई के काम पर करोड़ों रुपए खर्चे परंतु यह सब एक घोटाला सा साबित हुआ क्योंकि आज भी शहर में जगह-जगह सीवरेज की समस्या बरकरार है। सबसे ज्यादा समस्या वैस्ट विधानसभा क्षेत्र से आ रही है जहां कई मोहल्लों में गंदा पानी अक्सर खड़ा रहता है।
इन दिनों निगम ने अपनी सारी मशीनरी वैस्ट विधानसभा क्षेत्र में झोंक रखी है पर फिर भी लोग निगम की कार्यप्रणाली से खुश नहीं हैं। कुछ दिन पहले हुई बरसात के चलते कई गलियों में पानी भर गया जिससे स्पष्ट है कि अभी भी सीवर व जल निकासी समस्या बरकरार है।
वैस्ट क्षेत्र की हालत से साफ लग रहा है कि जिन क्षेत्रों में सुपर सक्शन मशीनों से सीवर लाइनों की सफाई भी हुई है, वहां भी हालात नहीं बदले। अब तो नगर निगम के पास अपनी भी सुपर सक्शन मशीनें हैं परंतु उन्हें चलाने में भी लापरवाही बरती जा रही है। इसका असर यह हो रहा है कि जरा सी बरसात में शहर डूबने लगा है। पता चला है कि निगम कमिश्नर ने भी गत दिवस एक बैठक दौरान ओ. एंड एम. सैल की कार्यप्रणाली पर रोष व्यक्त किया।
बरसातों से पहले सीवर लाइनें साफ नहीं पर कंट्रोल रूम बना दिए
पिछले काफी समय से जालंधर निगम का सिस्टम लगातार गिरावट की ओर जा रहा है। आम आदमी पार्टी की सरकार आए भी दो साल से ज्यादा समय हो चुका है परंतु इस पार्टी से भी जालंधर निगम के हालात सुधर नहीं रहे। जालंधर निगम में ओ. एंड एम. सैल के जिम्मे शहर की सीवरेज और वाटर सप्लाई व्यवस्था की जिम्मेदारी है परंतु इस विभाग के अधिकारी सबसे ज्यादा लापरवाह और नालायक हैं। इस विभाग ने आज तक बंद सीवर लाइनों की सफाई हेतु कोई स्पेशल अभियान नहीं छेड़ा और न ही सड़क किनारे बरसाती पानी की निकासी के लिए बनी रोड गलियों की सफाई इत्यादि ही करवाई है। मात्र फोटो खिंचवाने के लिए कुछ जगह रोड गलियों की सफाई हुई परंतु उनकी गार भी दोबारा उन्हीं लाइनों में चली गई क्योंकि गार को उठाया ही नहीं गया।
क्योंकि ओ. एंड एम. सैल के ज्यादातर अधिकारी दूसरे शहरों से आते हैं इसलिए ऐसे अधिकारी जालंधर की दशा को लेकर बेपरवाह बने हुए हैं । इस सैल के पास रैगुलर एस.ई. ही नहीं है और सिविल इंजीनियर के पास चार्ज है। हाल ही में प्री मानसून की पहली बरसात ने पूरे शहर को डुबो कर रख दिया। तब शहर के जो हाल बदहाल हुए उससे एक बात निश्चित लग रही है कि आने वाले बरसाती सीजन में जालंधर शहर के हालात इससे भी बुरे होंगे जिसके लिए शहर निवासियों को तैयार रहना होगा।
गंदे पानी और पानी की कमी की समस्या भी दूर नहीं हो रही
आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद सरकारी दफ्तरों पर शिकंजा कसने का काम शुरू किया जा चुका है परंतु जालंधर निगम में आम आदमी पार्टी के नेताओं का ज्यादा हस्तक्षेप देखने को नहीं मिल रहा। नगर निगम जालंधर के अधिकारी आज भी गंदे पानी और पानी की कमी जैसी जरूरी शिकायतों की ओर ध्यान नहीं दे रहे। ज्यादातर निगम अधिकारियों को शहर की मूलभूत समस्याओं बारे पता ही नहीं है जिस कारण लोग सीवरेज और गंदे पानी के साथ-साथ पानी की कमी की समस्या भी झेल रहे हैं।
चाहे निगम कमिश्नर गौतम जैन ने सफाई के मामले में निगम अधिकारियों की ड्यूटी फिक्स कर रखी है परंतु इस समय फिर शहर में साफ सफाई के हालात बिगड़ने शुरू हो गए हैं ।
स्टॉर्म वाटर की रोड गलियों को भी साफ नहीं किया जाता
स्मार्ट सिटी के करीब 20-22 करोड़ रुपए खर्च करके तत्कालीन विधायक सुशील रिंकू ने 120 फुट रोड पर स्टॉर्म वाटर सीवर प्रोजैक्ट लगवाया था जिसके बाद इस क्षेत्र के बरसाती पानी की समस्या दूर हुई थी। धीरे-धीरे नगर निगम ने 120 फुट रोड की सफाई को बिल्कुल ही बंद कर दिया जिस कारण मेन सड़क के किनारे मिट्टी जमा हो गई थी। स्टॉर्म वाटर सीवर के सभी निकासी प्वाइंट कूड़े से भर गए थे। अब चुनावों के चलते सफाई तो हो रही है पर लोगों का कहना है कि यह सफाई चुनावों के बाद जारी नहीं रहेगी।