उत्तराखंड के हल्द्वानी में रहने वाले हजारों लोगों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है, सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें एक हफ्ते के भीतर रेलवे के दावे वाली 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए गए थे. इस फैसले के खिलाफ हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया था, जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. अब एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मामले को लेकर बीजेपी सरकार को घेरने की कोशिश की है. ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई और आरोप लगाया कि बीजेपी को सिर्फ मुस्लिमों का ही अतिक्रमण नजर आता है.
हल्द्वानी के लोगों को राहत देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा, “सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी को लेकर मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए सही कहा है कि 7 दिनों में 50,000 लोगों को विस्थापित नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने पुनर्वास की जरूरत पर जोर दिया है और माना है कि 1947 में कई लोगों ने यहां जमीन खरीदी थी.ओवैसी ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि “सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस अजीब आदेश पर रोक लगा दी जिसमें सरकार को बिना उचित प्रक्रिया के लोगों को विस्थापित करने और यहां तक कि इलाके में अर्धसैनिक बल तैनात करने के लिए कहा गया था. हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से नियमित और अनियमित घरों के बीच अंतर पता करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार को एक व्यावहारिक व्यवस्था करनी चाहिए और पुनर्वास सुनिश्चित करना चाहिए.
ओवैसी ने लगातार तीसरा ट्वीट करते हुए लिखा कि इस पूरे मसले का एकमात्र हल रेगुलराइजेशन है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों को अपने पाखंड को स्वीकार करना चाहिए. उन्होंने नियमित रूप से दिल्ली में “अवैध” बस्तियों को नियमित किया है. मोदी सरकार ने खुद दो बार कॉलोनियों को नियमित करने का काम किया है, लेकिन बीजेपी के मुताबिक मुस्लिम ही सिर्फ बुलडोजर के लायक हैं.