ये कैसा सफर – 2 दिन के बदले 8 दिन में सूरत से सीवान पहुंची श्रमिक ट्रेन, मुजफ्फरपुर में ट्रेन में चढ़ने के दौरान मासूम की मौत

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सांसें टूट गईं, लेकिन घर की आस में खुली रहीं आंखें: यह तस्वीर इरशाद की है, वह अपने पिता के साथ दिल्ली से आ रहा था। मुजफ्फरपुर में बतिया की ट्रेन में चढ़ने के दौरान उसने गर्मी से दम तोड़ दिया।
  • प्रवासी पहले सड़क पर, फिर रेलवे ट्रैक पर और अब ट्रेन में मरने को मजबूर
  • 17 मई को गुजरात के सूरत से सीवान के लिए चली ट्रेन 25 मई को पहुंची
सांसें टूट गईं, लेकिन घर की आस में खुली रहीं आंखें: यह तस्वीर इरशाद की है, वह अपने पिता के साथ दिल्ली से आ रहा था। मुजफ्फरपुर में बतिया की ट्रेन में चढ़ने के दौरान उसने गर्मी से दम तोड़ दिया।

सीएन 24

पटना. सड़क हादसों में, रेल पटरियों पर और अब लोग ट्रेनों में दम तोड़ने लगे हैं। प्रवासियों को उनके जिलों तक छोड़ने के लिए रेलवे की श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का कोई माई-बाप नहीं है। ट्रेनें रास्ता भटक जा रही हैं। कहीं की कहीं पहुंच जा रही हैं।

गुजरात के सूरत से 17 मई को चली जिस ट्रेन को 2 दिन में बिहार के सीवान पहुंचना था, लेकिन वह 8 दिनों बाद 25 मई को सीवान पहुंची। ट्रेन को गोरखपुर के रास्ते सीवान आना था, लेकिन छपरा होकर आई। सूरत से ही सीवान के लिए निकली दो ट्रेनें ओडिशा के राउरकेला और बेंगलुरु पहुंच गईं। ट्रेनों के भटकने का सिलसिला यहीं खत्म नहीं होता, बल्कि जयपुर-पटना-भागलपुर 04875 श्रमिक स्पेशल ट्रेन रविवार की रात पटना की बजाय गया जंक्शन पहुंच गई।

रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक ट्वीट में इसे आधा सच करार दिया, लेकिन सीवान के उप विकास आयुक्त सुनील कुमार ने सीएन 24 से बातचीत में इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि सूरत से चली ट्रेनें भटक गई थीं और देरी से सीवान पहुंची थीं।
भीषण गर्मी, अव्यवस्था निगल रहीं जिंदगियां

1. ट्रेन में चढ़ने के दौरान चार वर्षीय इरशाद की मौत
पश्चिम चंपारण जिला के चनपटिया थाना के तुलाराम घाट निवासी मोहम्मद पिंटू शनिवार को दिल्ली से पटना के लिए चले। सोमवार सुबह दानापुर से मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंचे। मुजफ्फरपुर में बेतिया की ट्रेन में चढ़ने के दौरान इरशाद की मौत हो गई। पिंटू ने बताया कि उमस भरी गर्मी और पेट में अन्न का दाना नहीं होने के कारण उन लोगों ने अपने लाड़ले को खो दिया।

2. जब उठाने की कोशिश की तो पता चला मौत हो गई
महाराष्ट्र से आ रहे मजदूर को आरा में लोगों ने जब उठाना चाहा तो पाया कि उसकी मौत हो चुकी है। उसकी पहचान नबी हसन के बेटे निसार खान के रूप में हुई। वह गया का रहने वाला था।

3. बरौनी में टूट गई अनवर की सांस, 4 दिन से भूखे थे
महाराष्ट्र के बांद्रा टर्मिनल से 21 मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से घर लौट रहे कटिहार के 55 साल के मोहम्मद अनवर की सोमवार शाम बरौनी जंक्शन पर मौत हो गई। अनवर बरौनी ने 10 रुपये का सत्तू खरीद कर खाया और कर्मनाशा से कटिहार जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन पर सवार होने से पहले वह पानी लेने उतरा था, इसी बीच उसकी मौत हो गई।

4. ओबरा की महिला ने पति की गोद में दम तोड़ दिया
सूरत से श्रमिक स्पेशल से दोपहर 1 बजे सासाराम पहुंची महिला ने पति से कहा भूख लगी है। स्टेशन पर ही पति के सामने नाश्ता किया और उसके बाद कांपने लगी। पति की गोद में ही उसने दम तोड़ दिया। वह ओबरा प्रखंड के गौरी गांव की रहने वाली थी। महिला की मौत होते ही सासाराम स्टेशन पर कई लोग इधर-उधर भागने लगे। पति ने कहा मैं असहाय, क्या करता?

5. ट्रेन में तबीयत खराब हुई, अस्पताल में सांस टूट गई
महाराष्ट्र से आ रहे एक श्रमिक की ट्रेन में हालत खराब होने के बाद उसकी मौत हो गई। वह मोतिहारी जिले के कुंडवा-चैनपुर का निवासी बताया जा रहा है। दरअसल, उसकी तबियत खराब होने के बाद उसे ट्रेन से उतारकर जहानाबाद सदर अस्पताल लाया गया। वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

6. कानपुर से गया तक बच्चे की लाश के साथ सफर
राजकोट-भागलपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से गया में सोमवार को 8 माह के बच्चे के शव को उतारा गया। परिवार मुंबई से सीतामढ़ी जा रहा था। आगरा में बच्चे का इलाज हुआ। कानपुर के पास मौत हो गई। दंपती देवेश पंडित सीतामढ़ी के खजूरी सैदपुर थाना क्षेत्र के सोनपुर गांव का रहने वाले हैं।

7. कटिहार जा रही अवलिना की ट्रेन में ही निकली जान
अहमदाबाद से जंक्शन मुजफ्फरपुर पहुंची स्पेशल ट्रेन में कटिहार की रहने वाली 23 साल की अलविना खातून मौत हो गई। वह अपने जीजा इस्लाम खान के साथ अहमदाबाद से घर लौट रही थी। अलविना विक्षिप्त थी। उसका इलाज चल रहा था।

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