एयरपोर्ट और उसके आस पास के छेत्रों में अभी नहीं मिलेगी 5G सेवा

0
139

रिलायंस जियो और एयरटेल ने देश के कई शहरों में 5जी सेवाएं शुरू कर दी हैं। हालांकि ऐसा डर है कि दूरसंचार कंपनियों द्वारा उपयोग किए जा रहे 5जी बैंड से हवाई जहाजों में नेविगेशन उपकरण प्रभावित हो सकते हैं। यही वजह है कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरपोर्ट के पास के इलाके में 5जी सेवाओं के लिए बेस स्टेशन स्थापित नहीं करने को कहा है।

डीजीसीए ने दूरसंचार कंपनियों से रनवे के दोनों छोर से 2.1 किलोमीटर के दायरे में कोई 5जी बेस स्टेशन नहीं लगाने को कहा है। इसके अलावा, डीजीसीए ने कंपनियों को बफर जोन से 540 मीटर के दायरे में आने वाले सभी बेस स्टेशनों की पावर कम करने को कहा है। डीजीसीए और मंत्रालय के निर्देश के पीछे मुख्य वजह रेडियो अल्टीमीटर और जीपीएस है। रेडियो अल्टीमीटर ऊंचाई निर्धारित करने के लिए विमान के महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक होता है। ये दोनों डिवाइस पायलट को कम दृश्यता की स्थितियों में नेविगेट करने में मदद करते हैं। भारत में 5जी बैंड का संचालन करने वाली दूरसंचार कंपनियों द्वारा उपयोग की जाने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी से ये दोनों उपकरण प्रभावित हो सकते हैं।

कंपनियों का तर्क है कि जिस बैंडविड्थ में भारत की दूरसंचार कंपनियां काम करती हैं, वह उस बैंड की तुलना में कम हैं, जो भारत और दुनियाभर के देशों में चलने वाले हवाई जहाजों में उपरोक्त उपकरणों द्वारा उपयोग की जा रही है। रेडियो फ्रीक्वेंसी के प्रति सबसे संवेदनशील अल्टीमीटर आमतौर पर 4.2 गीगाह‌र्ट्ज के आसपास संचालित होता है, जो कि 3.3-3.6 गीगाह‌र्ट्ज रेंज से अधिक है, जो भारतीय टेलीकाम द्वारा 5जी के लिए उपयोग किया जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here