हिमाचल प्रदेश में लगातार बढ़ते राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस के छह पूर्व विधायक शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। उन्हें कांग्रेस के एक व्हिप की अवज्ञा करने के बाद विधायक पद से अयोग्य करार दिया गया था। वे केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजीव बिंदल की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हो गए।\
भाजपा और मजबूत होगी
इन पूर्व विधायकों का पार्टी में स्वागत करते हुए ठाकुर ने कहा कि उनकी उपस्थिति से भाजपा और मजबूत होगी। उन्होंने राज्य में कांग्रेस सरकार पर अपने वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया जिससे लोगों के बीच आक्रोश है। ठाकुर ने कहा कि इन नेताओं ने हाल में हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन किया था जो कांग्रेस के खिलाफ ‘‘जन आक्रोश” को दर्शाता है।
Eminent personalities from Himachal Pradesh join the BJP at party headquarters in New Delhi. #JoinBJP https://t.co/4DekR1riYY
— BJP (@BJP4India) March 23, 2024
इन विधायकों ने थामा बीजेपी का दामन
कांग्रेस के जो छह बागी विधायक भाजपा में शामिल हुए हैं, वे सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजेंद्र राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा और देवेंद्र कुमार भुट्टो हैं। ये सभी कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुए थे और उन्हें हिमाचल प्रदेश विधानसभा में उपस्थित रहने तथा कटौती प्रस्ताव व बजट के दौरान राज्य सरकार के पक्ष में मतदान करने के पार्टी के एक व्हिप की अवज्ञा करने के लिए 29 फरवरी को अयोग्य करार दिया गया था। निर्वाचन आयोग ने इनके निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उपचुनाव की घोषणा की है और वे भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं। तीन निर्दलीय विधायकों – आशीष शर्मा, होशियार सिंह और के एल ठाकुर ने शुक्रवार को अपने इस्तीफे सौंपे। उनके भी जल्द ही भाजपा में शामिल होने की संभावना है।
सरकार को कोई खतरा नहीं- सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार पिछले महीने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इन नौ विधायकों के समर्थन से राज्य की इकलौती सीट के लिए राज्यसभा चुनाव जीतने के बाद संकट में आ गयी थी। बहरहाल, सुक्खू की सरकार को अभी कोई खतरा नजर नहीं आता है लेकिन भाजपा उपचुनाव में जीत के साथ उनकी सरकार को गिराने की फिराक में है। उपचुनाव में भाजपा की जीत से सत्तारूढ़ पार्टी के खेमे में विधायकों की संख्या में कमी आ सकती है।
कांग्रेस का संख्या बल घटा
कांग्रेस के छह विधायकों की अयोग्यता के बाद अब 62 सदस्यीय हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या 39 से कम होकर 33 रह गयी है। विधानसभा में मूल रूप से 68 सदस्यीय है। भाजपा के 25 विधायक हैं। बहुमत परीक्षण के दौरान दोनों पक्षों के बराबरी पर रहने की सूरत में ही अध्यक्ष वोट कर सकते हैं और अभी अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी के हैं।