दिल्ली के बाद हरियाणा सरकार ने भी डीजल जनरेटर को बैन करने का फैसला किया है. बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते सरकार ने प्रदेश के 14 जिलों में ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू किया है. इसकी वजह से अब प्रदेश के 14 जिलों में डीजल से चलने वाले जनरेटर नहीं चल पाएंगे. आपको बता दें कि सरकारी की ओर से कुछ दिन पहले ही डीजल जनरेटर को लेकर कुछ आपात सेवाओं को 31 दिसंबर तक छूट दी गई है.
हरियाणा सरकार के इस फैसले से अब प्रदेश के 64 प्रतिशत एरिया प्रभावित होगा. वहीं इन 14 जिलों के अंतर्गत उद्योग भी आते है. इन जिलों में गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, पलवल, भिवानी, झज्जर, करनाल, जींद, चरखीदादरी, फरीदाबाद, मेवात, रोहतक, पानीपत, सोनीपत जिले शामिल है. वहीं सरकार ने इन जिलों में निर्बाध बिजली की आपूर्ति करने के भी निर्देश दिए है. एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन की ओर से कुछ आपात सेवाओं को 3 महीने की छूट दी गई है. जिसमें अस्पताल, लिफ्ट, एस्केलेटर, ट्रैवलेटर, रेलवे, मेट्रो, हवाई अड्डे, बस स्टैंड, दूर संचार एवं आईटी डेटा और अन्य संस्थान शामिल है.
एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन की तरफ से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि 25 केवीए से कम क्षमता वाले जनरेटरों में कोई किट नहीं लगाई जाएगी. वहीं 25 से 140 केवीए क्षमता तक के जनरेटर पर गैस और डीजल वाली ड्यूल किट लगानी होगी. इसके अलावा 140 केवीए से ऊपर की क्षमता वाले जनरेटर पर ड्यूल किट या आरईसीडी में एक किट लगानी होगी. ये किट धुएं में 2.5 पीएम को कंट्रोल करेगी.
आदेश ना मामने वाली औद्योगिक यूनिटों पर जुर्माना लगाया जाएगा. इसके अलावा डस्ट पार्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना भी जरूरी होगा. इसके अलावा निर्माण के दौरान एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल करना होगा. आपात स्थिति में यूनिट बंद करने पर कार्रवाई की जाएगी.