देश के सबसे पुराने कॉरपोरेट घराने में शुरू हुआ बंटवारा, सदस्‍यों ने उठाया यह कदम

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गोदरेज परिवार ने एक सदी से भी पहले से स्थापित अपने विशाल ग्रुप (Godrej Group) को औपचारिक रूप से विभाजित करने की शुरुआत कर दी है। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि परिवार के दो गुटों ने अब एक-दूसरे की कंपनियों के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है। अब वह जल्द ही एक-दूसरे की कंपनियों में हिस्से बेच देंगे। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए इस साल की शुरुआत में आदि और नादिर गोदरेज ने गोदरेज एंड बॉयस के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था, जबकि जमशेद गोदरेज ने जीसीपीएल और गोदरेज प्रॉपर्टीज के बोर्ड से अपनी सीट छोड़ दी। यह विभाजन परिवार की दो शाखाओं के बीच हो रहा है। इसमें एक तरफ आदि गोदरेज और भाई नादिर गोदरेज हैं।

वहीं दूसरी तरफ उनके चचेरे भाई जमशेद गोदरेज और उनकी बहन स्मिता गोदरेज कृष्णा हैं। गोदरेज इंडस्ट्रीज एंड एसोसिएट्स का नेतृत्व आदि गोदरेज और उनके भाई करते हैं। वहीं गोदरेज एंड बॉयस (जी एंड बी) का नेतृत्व जमशेद गोदरेज और उनकी बहन करती हैं। आदि ओर नादिर गोदरेज एंड बॉयस में अपने हिस्से को दूसरी शाखा को बेच देंगे। जमशेद गोदरेज और उनके परिवार के लोग गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (जीसीपीएल) और गोदरेज प्रॉपर्टीज में अपने चचेरे भाइयों को पारिवारिक व्यवस्था के तहत हिस्सेदारी हस्तांतरित करेंगे।

ऐसे हो रहा बंटवारा

मामले से जुड़े लोगों के मुताबिक, करीब 3400 करोड़ रुपए की अनुमानित अचल संपत्तियां जिनमें से ज्यादातर मुंबई के उपनगरीय इलाकों में है वह गोदरेज एंड बॉयस (जीएंडबी) के अधीन रहेंगी। वहीं स्वामित्व अधिकारों को नियंत्रित करने के लिए एक अलग समझौते पर काम किया जाएगा। गोदरेज ग्रुप में पांच लिस्टेंड कंपनियां जीसीपीएल, गोदरेज प्रॉपर्टीज, गोदरेज इंडस्ट्रीज, गोदरेज एग्रोवेट और एस्टेक लाइफसाइंसेज शामिल हैं। इनका मार्केट कैप बीते सप्ताह गुरुवार को बाजार बंद होने पर 2.34 लाख करोड़ रुपए था। पांच लिस्टेड फर्मों ने वित्त वर्ष 23 में लगभग 42,172 करोड़ रुपए का राजस्व और 4,065 करोड़ रुपए का लाभ दर्ज किया है। जीएंडबी एक निजी स्वामित्व वाली कंपनी है। ग्रुप इंजीनियरिंग, उपकरण, सुरक्षा समाधान, कृषि उत्पाद, रियल एस्टेट और उपभोक्ता उत्पादों सहित विविध व्यवसायों का संचालन करता है।

तीन साल से चल रहा काम

जानकारों के मुताबिक, गोदरेज फैमिली काउंसिल दो महत्वपूर्ण बिंदुओं से जुड़ी मुख्य बारीकियों को सुलझा रही है। इनमें विभाजन के बाद गोदरेज ब्रांड नाम का उपयोग, संभावित रॉयल्टी भुगतान और जीएंडबी के पास मौजूद भूमि का मूल्यांकन शामिल है। ऊपर बताए गए लोगों ने बताया कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए स्वामित्व का स्पष्ट चित्रण स्थापित करने के उद्देश्य से विभाजन पर करीब तीन साल से काम चल रहा है। बता दें कि परिवार के मुखिया आदि और जमशेद गोदरेज क्रमशः 82 और 75 वर्ष के हैं।

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