भारत ने एक नई तकनीकी मील का पत्थर स्थापित किया है, जब मेड-इन-इंडिया सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम “एसएसआई मंत्र” का इस्तेमाल करते हुए 286 किलोमीटर की दूरी से दो रोबोटिक कार्डियक सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। यह घटना स्वास्थ्य क्षेत्र में एक अहम कदम है, जहां डॉक्टर मरीज से सैकड़ों किलोमीटर दूर रहकर भी सर्जरी को अंजाम दे सकते हैं।
एसएसआई मंत्र सिस्टम का चमत्कार: पहली सर्जरी 58 मिनट में पूरी
गुरुग्राम से मणिपाल अस्पताल जयपुर तक एसएसआई मंत्र के 3 सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम का उपयोग करके डॉ. सुधीर श्रीवास्तव ने टेलीरोबोटिक-असिस्टेड इंटरनल मैमरी आर्टरी हार्वेस्टिंग (IMA) सर्जरी पूरी की। यह सर्जरी केवल 58 मिनट में सफलतापूर्वक की गई और इस प्रक्रिया के दौरान सिर्फ 35-40 मिलीसेकंड की कम देरी रही, जिससे असाधारण सटीकता हासिल हुई।
दूसरी वर्ल्ड-फर्स्ट सर्जरी: रोबोटिक बीटिंग हार्ट टोटली एंडोस्कोपिक कोरोनरी आर्टरी बायपास (TECAB)
इसके बाद एक और ऐतिहासिक सर्जरी की गई—रोबोटिक बीटिंग हार्ट टोटली एंडोस्कोपिक कोरोनरी आर्टरी बायपास (TECAB), जिसे सर्जरी की सबसे जटिल प्रक्रियाओं में से एक माना जाता है। यह प्रक्रिया भी गुरुग्राम से जयपुर तक टेलीसर्जरी के जरिए केवल 40 मिलीसेकंड की कम देरी में पूरी की गई।
डॉ. सुधीर श्रीवास्तव का बयान: टेलीसर्जरी से वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव
एसएस इनोवेशन के संस्थापक, अध्यक्ष और सीईओ डॉ. सुधीर श्रीवास्तव ने इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “हमें यह देखकर बहुत गर्व हो रहा है कि हम सर्जरी की क्षमताओं को बढ़ाकर मानवता की सेवा कर रहे हैं। खासकर भारत जैसे देश में जहां ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है, टेलीसर्जरी यह सुनिश्चित करती है कि विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं भौगोलिक बाधाओं के बावजूद लोगों तक पहुंच सकें।”
जयपुर के मणिपाल अस्पताल के डॉ. ललित मलिक का बयान
जयपुर के मणिपाल अस्पताल में कार्डियक सर्जरी के प्रमुख डॉ. ललित मलिक ने इस प्रक्रिया को एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा, “यह इंटर-स्टेट रोबोटिक कार्डियक टेलीसर्जरी रोगी देखभाल में नवाचार का एक बेहतरीन उदाहरण है। इसने दिखा दिया है कि कैसे तकनीक भौगोलिक अंतर को समाप्त करके सटीक और समय पर इलाज प्रदान कर सकती है।”
टेलीसर्जरी के लिए एसएसआई मंत्र सिस्टम को मिला मंजूरी
एसएस इनोवेशन द्वारा विकसित एसएसआई मंत्र 3 सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम दुनिया का पहला ऐसा सिस्टम है जिसे टेलीसर्जरी और टेली-प्रोक्टरिंग के लिए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से मंजूरी मिली है। इस मंजूरी से रिमोट सर्जरी और मेडिकल एजुकेशन के नए द्वार खुल गए हैं, जिससे चिकित्सा पेशेवर दूर बैठे भी मरीजों का इलाज कर सकेंगे।
नए युग की शुरुआत: टेलीसर्जरी से दूरदराज क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं
भारत जैसे विशाल देश में, जहां बड़ी संख्या में लोग ग्रामीण इलाकों में रहते हैं और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाओं की कमी महसूस करते हैं, टेलीसर्जरी एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है। यह तकनीक स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगी।