गुजरात यूनिवर्सिटी ने विदेशी छात्रों को नए हॉस्टल में शिफ्ट करने का फैसला लिया है। साथ ही एक विदेशी छात्र सलाहकार समिति का भी गठन किया जाएगा। विश्वविद्यालय ने सुरक्षा एजेंसियों को अपने छात्रावास ब्लॉकों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए पूर्व सेना कर्मियों को तैनात करने का भी निर्देश दिया है।
वार्डन को बदला गया
गुजरात विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने विदेश में अध्ययन कार्यक्रम के समन्वयक और एनआरआई छात्रावास वार्डन को तत्काल प्रभाव से बदल दिया है। कुलपति नीरजा गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों को तीन दिनों के भीतर एनआरआई (अनिवासी भारतीय) छात्रों के लिए बने एक अलग छात्रावास में स्थानांतरित करने का फैसला किया है और सुरक्षा एजेंसियों को अपने छात्रावास ब्लॉकों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए पूर्व सेना कर्मियों को तैनात करने का भी निर्देश दिया है।
विदेशी छात्र सलाहकार समिति का गठन
गुप्ता ने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय ने एक विदेशी छात्र सलाहकार समिति भी गठित की है, जिसमें विदेश में अध्ययन कार्यक्रम के समन्वयक, कानूनी सेल के सहायक रजिस्ट्रार और विश्वविद्यालय लोकपाल इसके सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की सुरक्षा मजबूत करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
पुलिस उपायुक्त तरुण दुग्गल ने कहा कि घटना में शामिल शेष आरोपियों को पकड़ने के लिए तकनीकी निगरानी और अन्य तरीकों का उपयोग करके जांच चल रही है।
श्रीलंका और ताजिकिस्तान के छात्रों पर हुआ हमला
पुलिस के अनुसार, शनिवार रात को हुई घटना के बाद दो छात्रों – एक श्रीलंका से और दूसरा ताजिकिस्तान से को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 20-25 अज्ञात हमलावरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत दंगा, गैरकानूनी सभा, स्वेच्छा से चोट पहुंचाने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और आपराधिक अतिचार समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस आयुक्त जीएस मलिक ने रविवार को संवाददाताओं को बताया कि घटना की जांच के लिए नौ टीमें गठित की गई हैं।
मलिक ने कहा, गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की है और उन्हें मामले में सख्त और न्यायिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। गुजरात विश्वविद्यालय में लगभग 300 अंतरराष्ट्रीय छात्र नामांकित हैं, जिनमें अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान, श्रीलंका और अफ्रीकी महाद्वीप के देशों के छात्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के ए-ब्लॉक छात्रावास में लगभग 75 अंतरराष्ट्रीय छात्र रहते हैं, जहां यह घटना घटी।