Hemant Soren : जमीन मामले में कठघरे में रांची पुलिस, पहले षड्यंत्र के तहत ठगी लिखा; फिर धारा से 120 बी को काटा

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झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन से जुड़े विवादित जमीन के मामले में रांची के सदर थाने में दर्ज प्राथमिकी में पुलिस की ओर से की गई छेड़छाड़ को हाईकोर्ट ने गंभीर प्रकृति का माना है और इसमें शामिल पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई है।

रांची पुलिस ने एफआईआर में छेड़छाड़ की थी

पूरा मामला रांची के सदर थाने में एक जून 2023 को दर्ज कांड संख्या 272/2023 से संबंधित है, जिसमें ईडी ने ईसीआइआर दर्ज कर अनुसंधान के दौरान झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। रांची पुलिस ने इस एफआइआर में छेड़छाड़ की थी।

दर्ज एफआइआर में अपराध की घटना वाले कालम में रांची पुलिस ने लिखा था कि षड्यंत्र के तहत जाली दस्तावेज बनाकर ठगी करना। प्राथमिकी में पहले जो धाराएं लगाईं, उसमें धारा 465, 467, 468, 469, 471, 466, 420, 379, 120 (बी) व 474 भादवि थी। बाद में आरोप वही रहे, लेकिन षड्यंत्र की धारा 120 (बी) को काट दिया।

हाईकोर्ट ने जिम्मेदार पुलिस की खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद जताई

दर्ज प्राथमिकी में छेड़छाड़ को हाई कोर्ट ने भी गंभीरता से लिया है और उम्मीद जताई है कि इस कृत्य के लिए जिम्मेदार झारखंड पुलिस के अफसरों पर कड़ी कार्रवाई होगी। बता दें कि सदर थाने में एक जून 2023 को दर्ज प्राथमिकी में आरोपित सिर्फ बड़गाईं अंचल के पूर्व राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद थे। यह केस उनके निजी घर से बरामद भारी मात्रा में जमीन के मूल दस्तावेज, पंजी-टू आदि की बरामदगी से संबंधित था। इसी केस को आधार बनाकर ईडी ने ईसीआइआर दर्ज किया था।

ईडी की जांच में क्या निकला

ईडी ने इस केस की जांच में पाया कि जमीन दलालों तथा सरकारी पदाधिकारियों की मिलीभगत से एक सिंडिकेट रांची में सक्रिय है, जो गलत तरीके से जमीन के मूल दस्तावेज में हेराफेरी कर उसकी खरीद-बिक्री कर रहा है। जमीन दलालों व सरकारी पदाधिकारियों-कर्मियों के इस सिंडिकेट ने सीएनटी एक्ट से संबंधित जमीन की प्रकृति बदलकर उसपर कब्जा किया, दस्तावेज बदल डाले और उसकी खरीद-बिक्री कर दी।

इसी केस के अनुसंधान में ईडी ने अब तक पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बड़गाईं अंचल के तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, झामुमो नेता सह जमीन कारोबारी अंतु तिर्की, सद्दाम हुसैन, अफसर अली, इरशाद अख्तर, विपिन सिंह व प्रियरंजन सहाय को गिरफ्तार कर सलाखों तक पहुंचा दिया है। ईडी का अनुसंधान जारी है।

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