इंदौर कांड: Congress प्रत्याशी पर कोर्ट ने पुराने केस में जोड़ी थी 307 की धारा! जीतू बोले- नामांकन वापस लेने का बनाया दवाब

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इंदौर के कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम का नामांकन वापस लेना देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। कांग्रेस का आरोप है कि उन पर नामांकन वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया। उन्हें धमकाया डराया गया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का आरोप है कि इंदौर की एक जिला अदालत ने एक पुराने मामले में अक्षय बम के खिलाफ हत्या के प्रयास की धाराएं जोड़ी है।

अदालत के रिकॉर्ड के मुताबिक, उनके नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद ही आरोप जोड़े गए हैं। अदालत को आरोप तय करने में 17 साल और 61 सुनवाइयों का समय लगा। अक्षय कांति बम ने 23 अप्रैल को कांग्रेस से अपना नामांकन दाखिल किया था और उसी दिन उन पर धारा के तहत आरोप लगाए गए।

ये है 17 साल पहले पूरा मामला

अक्षय कांति बम पर 4 अक्टूबर 2007 को यूनुस खान नाम के शख्स के साथ जमीन विवाद हुआ था। इसी के दौरान हमला, मारपीट और धमकाने का मामला दर्ज हुआ था। उस समय यूनुस पर गोली भी चलाई गई थी लेकिन खजराना पुलिस ने तब एफआईआर में हत्या के प्रयास की धारा नहीं जोड़ी थी। लेकिन जिस दिन अक्षय कांति बम ने इंदौर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा। उसी दिन कोर्ट के आदेश पर 17 साल पुराने इस मामले में अक्षय बम पर आईपीसी की धारा 307 लगाई गई। साथ ही उन्हें 10 मई को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया।

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