महाराष्ट्र की’मदर टेरेसा’ सिंधुताई सपकाल का निधन

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प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित की जा चुकीं सिंधुताई सपकाल (Sindhutai Sapkal) का मंगलवार को 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहीं सिंधुताई का निधन दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधुताई के निधन पर दुख प्रकट किया और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

लंबे समय से बीमार चल रहीं सिंधुताई का निधन दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुआ। सिंधुताई को महाराष्ट्र की मदर टेरेसा कहा जाता है। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अनाथ बच्चों की सेवा में गुजार दी। उन्हेंने लगभग 1400 अनाथ बच्चों को गोद लिया है।

सिंधुताई को महाराष्ट्र की मदर टेरेसा कहा जाता है। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी अनाथ बच्चों की सेवा में गुजार दी। उन्होंने लगभग 1400 अनाथ बच्चों को गोद लिया है। करीब एक माह से वे गैलेक्सी अस्पताल में भर्ती थीं। अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ शैलेश पुंताम्बेकर ने बताया कि सपकाल का करीब डेढ़ महीने पहले हर्निया का आपरेशन हुआ था और वह तेजी से ठीक नहीं हो पा रही थीं। आज, रात करीब आठ बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।’

बच्चे उन्हें माई (Maai) कहते थे। उनकी एकमात्र पुत्री ममता है। बुधवार सुबह उनका अंतिम संस्कार पुणे के हदप्सर स्थित मंजरी (Manjari) में किया जाएगा। नवंबर 2021 में उन्हें पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

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राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट कर कहा कि उनके निधन से महाराष्ट्र ने एक मां खो दी है। वह विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए बड़ी हुईं और उन्होंने अपना जीवन उन लोगों को समर्पित कर दिया, जिन्हें समाज ने खारिज कर दिया था।

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