हितेश मेहता के लाई डिटेक्टर टेस्ट से ईओडब्ल्यू को ठोस जानकारी नहीं मिल पाई थी. ईओडब्ल्यू 122 करोड़ के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले की जांच कर रही है.
122 करोड़ के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा मुख्य आरोपी हितेश मेहता का ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराएगी. ईओडब्ल्यू के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ब्रेन मैपिंग टेस्ट की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. हितेश मेहता का ब्रेन मैपिंग टेस्ट फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में अगले हफ्ते होने की उम्मीद है. हालांकि फॉरेंसिक विभाग की तरफ से तारीख की पुष्टि अभी नहीं की गई है.
हितेश मेहता के लाई डिटेक्टर टेस्ट से ईओडब्ल्यू को ठोस जानकारी नहीं मिल पाई थी. इसलिए अब ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराने का फैसला किया गया है. अधिकारी ने बताया कि लाई डिटेक्टर टेस्ट का परिणाम स्पष्ट नहीं था. पूछताछ के दौरान हितेश मेहता गबन किए गए पैसे का इस्तेमाल और अन्य आरोपियों की भूमिका पर ज्यादा जानकारी नहीं दे सका था.
अधिकारियों को संदेह है कि हितेश मेहता गबन किए गए पैसे के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी छिपा रहा है. ब्रेन मैपिंग टेस्ट का उद्देश्य गबन किए गए 122 करोड़ रुपये के वितरण और इस्तेमाल से जुटी और अधिक जानकारी इकट्ठा करना है. ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किए गए 7 आरोपी से आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की है. पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारी निकलकर सामने आई है.
ईओडब्ल्यू ने बताया कि ब्रेन मैपिंग टेस्ट से पता लगने की उम्मीद है कि मेहता घोटाले के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी छिपा रहे हैं या नहीं, कोर्ट ने ब्रेन मैपिंग परीक्षण के लिए पहले ही मंजूरी दे दी है. बता दें कि ‘ब्रेन मैपिंग’ जांच ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत आरोपी के मस्तिष्क की हलचलों की छवियों से दोषी होने का पता लगाया जाता है.