काबुल में अमेरिकी ड्रोन हमले को लेकर पेंटागन ने मानी अपनी गलती

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पेंटागन (Pentagon) ने पिछले महीने अफगानिस्तान (Afghanistan) में कई नागरिकों की जान लेने वाले ड्रोन हमले के मामले में शुक्रवार को अपनी गलती मान ली। उसने घोषणा की कि एक समीक्षा से पता चला है कि हमले में केवल नागरिक मारे गए थे न कि इस्लामिक स्टेट के आतंकी, जैसा कि पहले माना गया था।

29 अगस्त को हुए इस हमले को पेंटागन के अधिकारी कई दिन तक सही ठहराते रहे थे। इस हमले में सात बच्चों सहित 10 नागरिकों के मारे जाने के बावजूद उनकी ओर से इसे सही ढंग से अंजाम देने का दावा किया जा रहा था।

अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख मरीन जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने पेंटागन के एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह हमला एक गलती थी। 28 अगस्त को हुए इस हमले को पेंटागन के अधिकारी कई दिन तक सही ठहराते रहे थे। इस हमले में सात बच्चों सहित 10 नागरिकों के मारे जाने के बावजूद उनकी ओर से इसे सही ढंग से अंजाम देने का दावा किया जा रहा था।

48 घंटे भीतर लिया था बदला 

दरअसल काबुल एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमले का बदला अमेरिका ने 48 घंटे के भीतर ले लिया। 28 अगस्त को अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना ने हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। अफगानिस्तान में ISIS-K के ठिकानों पर अमेरिका ने ड्रोन हमले को अंजाम दिया। काबुल एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती बम विस्फोट में 169 अफगान और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। अमेरिका की सेंट्रल कमांड के प्रवक्ता कैप्टन बिल अर्बन ने कहा था कि अमेरिकी सैन्य बलों ने ISIS-K के योजनाकारों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया। मानव रहित हवाई हमला अफगानिस्तान के नंगहार प्रांत में किया गया।

काबुल में इस्लामिक स्टेटेट के हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, सैन्य अधिकारियों और राजनयिकों के साथ बैठक की थी। इसी बैठक में सलाहकारों ने उनसे कहा था कि काबुल में और आतंकी हमले हो सकते हैं और उनके निकासी अभियान के बचे हुए दिन बेहद जोखिम भरे हैं।

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