यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया, जो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो पर किए गए अपने विवादित बयान के कारण सुर्खियों में हैं, अब उनके खिलाफ दर्ज कई FIR को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। यह FIR उनके शो के एक एपिसोड में किए गए अश्लील मजाक को लेकर दर्ज की गई थीं। 10 फरवरी को गुवाहाटी में दर्ज FIR के बाद यह मामला तेजी से बढ़ा और अब यह देशभर में चर्चा का विषय बन गया है।
तत्काल सुनवाई करने से इनकार
रणवीर इलाहाबादिया ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज कई FIR को चुनौती दी। हालांकि, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने इस मामले की तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया और कहा कि मामले को सामान्य प्रक्रिया के अनुसार लिया जाएगा। इस फैसले के बाद रणवीर को उम्मीद थी कि उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई होगी, लेकिन अदालत ने इसे सामान्य प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ाने का फैसला लिया।
असम पुलिस और मुंबई पुलिस की कार्रवाई
असम पुलिस ने रणवीर इलाहाबादिया और उनके साथ शो में शामिल अन्य चार यूट्यूबर्स के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इन आरोपों में कहा गया था कि ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो के एक एपिसोड में इन यूट्यूबर्स ने “अश्लीलता को बढ़ावा दिया और यौन रूप से स्पष्ट और अश्लील चर्चा में शामिल हुए।” इसके बाद असम पुलिस की टीम मुंबई पहुंची और मामले में शामिल लोगों से पूछताछ की। यह FIR गुवाहाटी क्राइम ब्रांच में 10 फरवरी को आलोक बोरुआ द्वारा दायर की गई शिकायत पर दर्ज की गई थी।
गुवाहाटी क्राइम ब्रांच की जांच
गुवाहाटी क्राइम ब्रांच ने इस मामले को गंभीरता से लिया और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023, आईटी अधिनियम, 2000, सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 और महिलाओं का अश्लील चित्रण (निषेध) अधिनियम, 1986 जैसी कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। शिकायतकर्ता आलोक बोरुआ का आरोप था कि इन यूट्यूबर्स ने शो में अश्लीलता को बढ़ावा दिया और महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं, जो समाज में नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।